Saturday, April 27, 2024
Follow us on
BREAKING NEWS
पंचकूला कोर्ट में करनाल से कांग्रेस के प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को PO घोषित किया नैनीताल: जंगलों में लगी आग को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुलाई बैठकनैनीताल के जंगलों में लगी भीषण आग, धुएं से लोगों को सांस लेने में हो रही है परेशानीमुझे सक्रिय राजनीति में आना चाहिए...', अमेठी से चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले रॉबर्ट वाड्राआज गुजरात में तीन जनसभा को संबोधित करेंगे गृह मंत्री अमित शाहजम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई तीव्रतामानवता की सेवा के लिए रक्तदान सबसे बेहतर कार्यः निदेशक केके कटारियाअसम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब से लड़ेगा चुनाव
Dharam Karam

पांच दिवसीय अखंड मात-पिता कामधेनु महायज्ञ" के तीसरे दिन आहुति में शामिल हुए अनेक श्रद्धालु

April 07, 2019 09:01 PM
अम्बाला, शुंभू बैरियर के निकट  बनूर-अम्बाला रोड स्थित मात-पिता गौधाम महातीर्थ में बनने जा रहे विश्व के प्रथम और एकमात्र मात-पिता मंदिर की आधारशिला रखने से पूर्व सतत 121 घंटे चलने वाला पांच दिवसीय अखंड मात-पिता कामधेनु महायज्ञ के तीसरे दिन अनेक श्रद्धालु आहुति में शामिल हुए।गौरतलभ है कि, 121 घंटे सतत चलने वाला यह कामधेनु यज्ञ विश्व का पहला यज्ञ हो रहा है ,यह यज्ञ 5 अप्रैल से आरम्भ हुआ है ,जो की होकर 10 अप्रैल को क्षण भर के बिना रुके सम्पन होगा।
 
संस्था के उद्देश्य बताते हुए मात -पिता गौधाम महातीर्थ के संस्थापक श्री ज्ञानचंद वालिया  ने कहा कि, "विश्व शांति एवं सुखी-समृद्ध जीवन का बीज़ आपके माता -पिता है" आज के इस आधुनिक दौर हमने पिछले कुछ दशकों में यह देखा है कि,हमारे देश में भी पाश्चात संस्कृति की तरह सिंगल फैमिली (जिसमे केवल पति -पत्नी और केवल एक बच्चा ) का प्रचलन में आ गया है ,जिसकी परिकल्पन हम भारत की महान संस्कृति में कभी नहीं कर सकते थे। खेर परिणाम यह है कि, बुजुर्ग माता-पिता को परिवार के हिस्से से अलग कर दीया गया है , उनका मान-सम्मान, आदर की जगह तो दूर वह अपना जीवन दर -दर भटक कर वृद्धा आश्रम या ऐसे ही किसी स्थान पर व्यतीत करने को मजबूर हो गए है, जहाँ उनकी मृत्यु कब हो जाती है बच्चो को पता तक नहीं चलता, यह एक विचारणीय भी है और ह्रदय विदारक भी।
 
परन्तु वास्तविकता में अगर हम देखे तो माँ -बाप कौन है , अनेक धर्मशास्त्री, संतो  एवं चिंतको के अनुसार माँ -बाप धरती पर सीधे परमेश्वर के प्रतिबिम्ब है जो हर क्षण आपके साथ रहते है। इनकी सेवा और सत्कार कर हम इन पर कोई एहसान नहीं करते।बल्कि  इनकी सेवा का अवसर बड़े ही सौभागय की बात है, जिससे हम स्वयं का सुखी, समृद्ध एवं आनंदमय जीवन तो जी पाते ही है, साथ में उनका अनन्य अविरल शुभ आशीष भी पाते है।और कहे तो जैसे-जैसे हमारे अंदर माँ-बाप के सत्कार की भावना  बढ़ेगी वैसे -वैसे हम पुनः राम राज्य की ओर अग्रसर होते चले जायेंगे और जीवन के असीम शिखर तक पहुंचते चले जाएँगे। 
 
श्री गौचारण ने कहा कि, माता-पिता को समर्पित माता-पिता मंदिर को वर्ल्ड बुक आॅफ रिकार्डस, लंदन द्वारा "विश्व के प्रथम और एकमात्र माता-पिता मंदिर" के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है, अंत में श्री वालिया ने बताया और अनुरोध करते हुए सभी कहा की इस पावन एवं दिव्या मंदिर की आधारशिला रखने के लिए सभी को आमंत्रित किया एवं दौबारा कभी विश्व में ऐसा मौका नहीं मिलने वाले अवसर का साक्षी बनने के लिए अनुरोध किया। 
Have something to say? Post your comment
 
 
More Dharam Karam News