जुलाई महीने में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों पड़ रहे हैं। आषाढ़ कृष्ण अमावस्या (13 जुलाई 2018) को सूर्य ग्रहण है जो साल का दूसरा सूर्य ग्रहण है। चूंकि भारत में यह ग्रहण आंशिक होगा इसलिए इसका कोई बड़ा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा, फिर भी इस ग्रहण को सूतक माना जाएगा और इसका कुछ राशियों पर असर भी पड़ेगा। 13 जुलाई को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण 2018 का असर दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, स्टीवर्ट आईलैंड और होबार्ट में ज्यादा दिखाई देगा। वहीं 27 जुलाई को चंद्रग्रहण रहेगा।
क्या होता है सूर्यग्रहण?
- पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है।
- दूसरी ओर, चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है।
- तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है। इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है।
- इस खगोलीय स्थिति में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं।
- सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होता है,जबकि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन पड़ता है।
भारत में प्रभावी नहीं
- इस बार के सूर्यग्रहण का भारत में प्रभावी नहीं है, लेकिन इसका असर राशियों पर होगा।
- इस दिन पूजा-अर्चना करने के बाद गरीबों को दान करना चाहिए और गाय को रोटी खिलानी चाहिए, इससे उन्हें सुख और धन-लाभ होगा।
सूर्य ग्रहण का समय
- 13 जुलाई अमावस्या पर पड़ने वाला सूर्य ग्रहण करीब एक घंटे का होगा।
- भारतीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 18 मिनट 23 सेकंड से शुरू होगा और 8 बजकर 13 मिनट 05 सेकंड तक रहेगा।
ना करें शुभ कार्य
- सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। सूतक काल में पूजा पाठ और देवी देवताओं की मूर्तियों को छूना वर्जित है।
- इस दौरान कोई शुभ कार्य शुरू करना अच्छा नहीं माना जाता।
इन पर पड़ेगा दुष्प्रभाव
- राशियों में इसके प्रभाव की बात करें तो कर्क, मिथुन और सिंह राशि पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ेगा।
- ग्रहण के कारण इन जातकों के बनते काम भी अटक सकते हैं।
बचने के उपाय
- सूर्य ग्रहण के असर से बचने के लिए प्रभावित राशियों के जातकों को ग्रहण काल के दौरान शिव चालीसा का पाठ या भगवान शिव के नामों का जाप करें।
- गरीबों को अनाज दान करें। इस वक्त तुलसी का पत्ता खाना भी अच्छा रहेगा।
- जिन क्षेत्रों में ग्रहण दिखाई दे रहा है, वहां रहने वाले लोगों को ग्रहण से पहले खाने-पीने की चीजें में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए। तुलसी की वजह से इन चीजों पर ग्रहण का असर नहीं होता है।
- ग्रहण से पहले पका हुआ भोजन ग्रहण के बाद नहीं खाना चाहिए।
- ग्रहण काल में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए। इसीलिए इस समय में मंदिर बंद कर दिए जाते हैं।
- गर्भवती स्त्री को ग्रहण काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता है तो गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है।
- ग्रहण काल में पति-पत्नी को दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इस दौरान शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। ग्रहण के समय बने संबंध से उत्पन्न होने वाली संतान को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- ग्रहण के समय मंत्रों का मानसिक जाप करना चाहिए। मानसिक जाप यानी धीरे-धीरे अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- ग्रहण के बाद पूरे घर की सफाई करनी चाहिए। गाय को हरी घास खिलाएं। दान-पुण्य करें। अगर संभव हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें।