CURSTEY BHASKAR DEC 31
और बॉडी वॉश से बर्बाद हो रही लव लाइफ
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एंटीबैक्टीरियल साबुन में ट्राइक्लोसन के प्रयोग को खतरनाक बताया था, सरकार ने लगाया प्रतिबंध
एजेंसी | वाशिंगटन
एंटीबैक्टीरियल साबुन और बॉडी वाॅश से लोगों की लव लाइफ लाइफ स्टाइल प्रभावित हो रही है। यह दावा अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने इसकी वजह उनमें इस्तेमाल होने वाले केमिकल ट्राइक्लोसन को बताया है। दरअसल, शरीर को बैक्टीरिया मुक्त रखने में ट्राइक्लोसन केमिकल का प्रयोग एक प्रभावी तरीका है। लेकिन यह इंसान की शारीरिक गतिविधियों, सेक्स और थायराइड से संबंधित हार्मोन्स को नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी आती है। इंसान को थकान और सुस्ती भी महसूस होती हैै।
इसके बाद अमेरिकी राज्य मिनेसोटा ने एक जनवरी से इस केमिकल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (फीडीए) ने भी सितंबर 2017 से इसके प्रयोग पर पूरे देश में रोक लगाने का आदेश दिया है। दरअसल, ट्राइक्लोसन केमिकल का प्रयोग सभी तरह के एंटी बैक्टीरियल साबुन, बॉडी वॉश, डिओडरेंट्स, टूथपेस्ट आदि में होता है। इस पर कुछ समय पहले यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा में एक रिसर्च हुआ था। जिसमें वैज्ञानिकों ने बताया था कि ट्राइक्लोसन केमिकल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल एंटीबैक्टीरियल साबुन और बॉडी वॉश में होता है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे लोगों की लव-लाइफ भी बर्बाद हो रही है। इस शोध के बाद से देश में ट्राइक्लोसन केमिकल पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की जा रही थी। कुछ संगठनों का कहना है कि यह केमिकल नदियों के पानी को भी प्रभावित कर रहा है। मिनेसोटा के सीनेटर जॉनी मार्टी का कहना है 'हम देश को इस केमिकल से मुक्त करना चाहते हैं, इसलिए कदम उठाया गया है।' एफडीए ने भी कंपनियों से कहा कि साबुन और अन्य प्रोडक्ट्स में इस केमिकल का प्रयोग करें। एफडीए की डायरेक्टर डॉ. जनेट वुडकुक का कहना है, 'ग्राहकों को एंटीबैक्टीरियल साबुन के इस्तेमाल से बचना चाहिए, लेकिन इसके बदले हम किसी अन्य साबुन का इस्तेमाल करने का सुझाव भी नहीं देंगे, क्योंकि इसका कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है। वैज्ञानिकों ने हमें कुछ डेटा दिया है, जिसमें बताया गया है कि एंटीबैक्टीरियल साबुन में इस्तेमाल होने वाला केमिकल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।'
बाजार में उपलब्ध सभी एंटीबैक्टीरियल साबुन में ट्राइक्लोसन और ट्राइक्लोकार्बन जैसे एंटीबैक्टीरियल केमिकल प्रयोग होते हैं। ऐसे साबुन के अधिक प्रयोग से त्वचा में रूखापन आता है और नुकसानदायक प्रभाव पड़ता है। कुछ अमेरिकी कंपनियों ने एफडीए के आदेश पर इस केमिकल का साबुन और अन्य उत्पादों में प्रयोग बंद कर दिया है। हालांकि एफडीए ने टूथपेस्ट में ट्राइक्लोसन के प्रयोग की छूट दी है।