सोनीपत:टीका राम संस्था के आजीवन सदस्य सतेंदर दहिया ने संस्था में सूचना के अधिकार क़ानून के तहत जवाब नही देने को बेहद गंभीर विषय मानते हुए इस मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष रखने के लिए एक पत्र लिखा है I जिसमें सूचना के अधिकार क़ानून 2005 के तहत भारत के नागरिकों को दिए गये अधिकारों के हनन को प्रमुख विषय बनाया गया है
पत्र में सूचना के अधिकार क़ानून को गंभीरता से लागू करवाने के बारे में उचित कार्यवाही करने की अपील की गई है I इसी तरह का एक पत्र मुख्यमंत्री हरियाणा, मुख्य सूचना आयुक्त , शिक्षा मंत्री , उच्चतर शिक्षा विभाग, स्कूल एजुकेशन विभाग, उपायुक्त सोनीपत और अतिरिक्त उपायुक्त एवं प्रशासक, टीका राम एजुकेशन सोसाइटी सोनीपत को भी भेजा गया है.
श्री दहिया द्वारा सूचना के अधिकार के तहत संस्था में कार्यरत कर्मचारियों से संबंधित पूछे गये सवालों के जवाब में सिर्फ़ दो कॉलेजों ने जवाब भेजा बाकी पाँच संस्थानों ने आर. टी. आइ. काजवाब ही नही दिया I जिन दो कॉलेजों ने जवाब भेजा वह बिल्कुल ही ग़लत व गुमराह करने वाला जवाब दिया.
श्री दहिया ने कर्मचारियों की सर्विस से जुड़े नियमों के बारे जानकारी लेने के लिए 18 -06-2015 को संस्था के प्रशासक के माध्यम से आवेदन किया (फोटोकॉपी संलग्न ) जिस पर कार्यवाहीकरते हुए प्रशासक ने 29-06-2015 को संस्था के सभी संस्थानों के प्रिंसिपलों को सपष्ट व कड़े शब्दों में समय रहते जवाब देने का आदेश दिया (फोटोकॉपी संलग्न) लेकिन संस्थानों ने जवाब नहीदेकर प्रशासक के आदेशों की धज्जियाँ उड़ा दी .
संस्था में पहले भी अनेकों बार प्रशासक के आदेशों को नही माना गया I पूर्व गवर्निंग बॉडी के द्वारा सेल्फ़ फाइनान्स के तहत लगाए गये कर्मचारियों से संबंधित दिए गये आदेशों को भी नही माना गया I इसी से हम सभी अंदाज़ा लगा सकते हैं की संस्था में कितना नियम व क़ानून के अनुसार कार्य होता है I यहाँ प्रशासक व गवर्निंग बॉडी के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं Iभारत की संसद द्वारा बनाए गये आर. टी. आइ. क़ानून को रौंदा जा रहा है जो सीधे-सीधे भारत की संसद के औचतीय को चुनौती देने के समान हैं I
श्री दहिया ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत जिस संस्थान में जानकारी नही दी जाती उस संस्थान में ग़लत कार्य होने की शंका पैदा होती है I इसलिए हर संस्थान में पारदर्शिता होनीचाहिए इससे संस्थान की प्रतिष्ठा और बढ़ती है I संस्था में सेल्फ़ फाइनान्स स्कीम के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है I प्रिन्सिपल द्वारा सर्विस से जुड़े नियमों कोतोड़मरोड़ कर पेश किए जाने का प्रयास किया जा रहा है जो एक गंभीर विषय है I सेल्फ़ फाइनान्स के कर्मचारियों के नियमों को बदलने का प्रयास किया तो इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी I बार- बार आर. टी. आइ. क़ानून के तहत जवाब न देना ड्यूटी में कोताही बरतने का सबूत है I टीका राम संस्था के कई शिक्षण संस्थानों मेंसुधार की बहुत आवश्यकता है I संस्था में एक कुशल प्रशासन की आवश्यकता है जो संस्था में कर्मचारियों व छात्रों का शोषण रोक सके व पारदर्शी व्यवस्था लागू कर सके I