सेवा में
श्रीमान मनोहर लाल जी,
मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार,
चंडीगढ़।
विषय: पुलिस व् कंपनी द्वारा मामले को दबाने व् डराने की शिकायत हेतु।
श्रीमान जी,
आपको ज्ञात दिलाते हुए अवगत करा रही हूं कि मैंने (हेमा सिंह) आपको अपने साथ एक होटल बिड्स प्रा. लि. कंपनी (गुरूग्राम) के वरिष्ठ अधिकारियों सहित फाउंडर द्वारा गलत नियत से शारिरिक एवं मानसिक प्रताडऩा की शिकायत ईमेल द्वारा आपको भेजी थी।
गुरूग्राम महिला पुलिस थाना सै. 51 में मेरी लिखित शिकायत पर दिनांक 4 फरवरी 2018 को मामला तो दर्ज कर लिया गया था, लेकिन जैसा कि मुझे अंंदेशा था कि पुलिस आरोपियों के दवाब में काम करेगी ठीक वैसा ही हुआ। इतने दिन बीत जाने के बावजूद आपके शासन का पुलिस तंत्र मुझे न्याय दिलाने के नाम पर महज खाना-पूर्ति कर रहा है। जैसा कि मैंने पहले भी आपको ईमेल द्वारा बताया था कि इंदर शर्मा नाम का वह व्यक्ति एक अय्याश किस्म का चरित्र रखता है। शराफत का चोला ओढने वाला यह व्यक्ति आपने आपको धन-बल और सिफारिश का धनी बताता है। इतना ही नहीं यह व्यक्ति इस मामले में अपने आप को पाक-साफ साबित करने के लिए सरकार को भी अपने स्तर पर गुमराह कर अपने जुर्म को छिपाने की फिराक में है ।
आपको अवगत करा दू की दिनांक 6/03/2018 को मुझे सेक्टर 51 गुरुग्राम महिला थांने में बुलाया गया। वहां पर इन्दर शर्मा के छोटे भाई बिजेन्दर शर्मा व् और कुछ लोग पहले से ही मजूद थे। उन्होंने मुझे धमकाकर डराने की कोशिश कि ताकि मैं अपना केस वापिस ले लूँ । कुछ देर बाद वहां रिक्की शर्मा को भी बुलाया गया व् पुलिस ने उससे बात की और वह 5 मिनिट में वहां से चला गया .जबकि मुझे 11 बजे से 4 बजे तक वहां रोका गया
फिर मेरी बात बिजेन्दर शर्मा व् पुलिस अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुनीता व् एस एच ओ पूनम से हुई। मेरी इस वार्ता लाप में पुलिस व् कंपनी वालो ने मुझ पे ही गलत आरोप लगाने शुरू कर दिए। मेरे बयानों को बदलने की पुरजोर कोशिश की गयी। मुझे डराया गया की मैं इस मामले में फस जाउंगी और मुझ पे ही इलज़ाम लगा कर केस चला दिया जायेगा। मेरी कोई भी बात नहीं सुनी गयी और बिजेन्दर शर्मा व् कंपनी वालो की बात को तवज्जो दी जा रही थी। सब इंस्पेक्टर सुनीता ने बिजेन्दर शर्मा को बोला की आप इस लड़की पर मामला दर्ज करवाओ और हम कार्यवाही करेंगे इसके ऊपर। मेरे साथ हुई घटना के मुझे सबूत दिखाने के लिए बोला गया। मेरे पास कुछ पुरानी महिला कर्मचारियों की लिखित शिकायते हैं जोकि उन्होंने कंपनी में चल रहे गंदे माहौल के बारे में संस्थापक इन्दर शर्मा को बताया। लेकिन इन्दर शर्मा ने उन शिकायतों पे कोई करवाई नहीं की। लेकिन इन सबूत को पुलिस द्वारा दरकिनार करते हुए मुझपे दबाव बनाया जा रहा है, मुझे डराया व् धमकाया जा रहा है।
अगर ऐसा ही चलता रहा तो कोई भी महिला या पीड़ित व्यक्ति अपनी आवाज़ कभी नहीं उठा पायेगा। क्योकि जैसा की मैं देख व् भुगत रही हूँ की प्रसाशन सिर्फ प्रभावशाली व् बड़े लोगों का ही साथ देता है। आपका प्रसाशन कमज़ोर व् पीड़ितों के लिए बिलकुल निष्क्रिय है। महिलाओं के सशक्ति करण की बात करने वाली सरकार व् प्रसाशन एक ढकोसला मात्र नजर आ रहा है। लेकिन मैं इक्कीसवी सदी की पढ़ी लिखी महिला हु और किसी भी प्रकार के दबाव या डर से नहीं झुकूँगी। लेकिन सरकार व् प्रसाशन जो मेरे साथ कर रहा है इसकी मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी।
श्री मान जी, आप मुझे बताये की इन परिस्थतिथियों में मैं क्या करू। क्या ये प्रदेश महिलाओं के रहने लायक बचा भी है या नहीं। यदि आप पीड़ितों का साथ देने की बजाय पैसे वालो का ही साथ देते रहे तो ये प्रदेश कमज़ोर, पीड़ितों, गरीबो व् महिलाओं के लिए एक नर्क के समान बन जाएगा। लेकिन मैं इस लड़ाई को सभी महिलाओं की तरफ से लड़ती रहूंगी। अगर इस मामले में मुझे दबाने या डराने की कोशिश की गयी तो मुझे चाहे प्रधानमंत्री जी से भी गुहार लगानी पड़ी तो भी मैं आगे बढ़ूंगी। मुझे प्रधानमंत्री जी के दरवाजे पर आमरण अनशन भी करना पड़ा तो भी मैं पीछे नहीं हटूंगी।
श्री मान जी मुझे डर है की पुलिस प्रसाशन दबाव में काम कर रहा है, इसलिए मेरी
आपसे प्रार्थना है की मेरे इस मामले की पारदर्शी जांच के लिए मेरी सहायता की जाए।