कला के क्षेत्र में महारत हासिल कर रही जयपुर की प्रसिद्ध लघु चित्रकार सावित्री शर्मा इन दिनों सूरजकुंड मेला परिसर में चल रही छः दिवसीय लघु चित्रकला कार्यशाला में अपनी अनूठी कला का सराहनीय प्रदर्शन कर रही हैं। इस कार्यशाला में देशभर से आए कलाकार अपनी-अपनी चित्रकला शैलियों को प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन सावित्री शर्मा की कला और उनकी चित्रकारी की बारीकिया पर्यटकों का बरबस ही ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक श्री सुनील कुमार ने आर्ट गैलरी में प्रदर्शित की गई विभिन्न चित्रकलाओं का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने यहां प्रदर्शित की गई सभी चित्रकलाओं की प्रशंसा करते हुए चित्रकारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा सूरजकुंड शिल्प मेला कलाकारों को बेहतर मंच प्रदान कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि कला एवं सांस्कृतिक विभाग हरियाणा और पर्यटन निगम के संयुक्त तत्वावधान में लघु चित्रकला कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में चित्रकार सावित्री शर्मा द्वारा बनाए जा रहे चित्रों में भारतीय शास्त्रीय संगीत की अनूठी परंपरा को दर्शाया गया है। विशेष रूप से उनका एक चित्र ‘राग-रागिनी’ की परिकल्पना पर आधारित है। यह चित्र भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसे आधुनिक युग के कला प्रेमियों तक पहुंचाने का एक प्रयास है।
सावित्री शर्मा की चित्रकला की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे इस चित्र को बनाने में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर पारंपरिक विधियों का पालन किया गया है, जिससे यह न केवल सुंदर बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।
लघु चित्रकला कार्यशाला में मौजूद कला एवं संस्कृति अधिकारी रेणु हुड्डा ने बताया कि कार्यशाला के अंतिम दिन 14 फरवरी को प्रतिभाशाली कलाकारों द्वारा बनाई गई अद्भुत कृतियों का प्रदर्शन होगा। यह प्रदर्शनी, कला के प्रति उत्साही लोगों, कलाकारों और कला के क्षेत्र में रुचि रखने वालों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा।