हरियाणा कैडर के 1989 बैच के प्रतिष्ठित आईएएस अधिकारी डॉ. विवेक जोशी को भारत के नए निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति द्वारा इस प्रतिष्ठित पद के लिए डॉ. जोशी के नाम की सिफारिश किए जाने के बाद यह घोषणा की गई। वे तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में शामिल होंगे, जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश प्रकाश और निर्वाचन आयुक्त श्री सुखबीर सिंह संधू शामिल हैं।
डॉ. जोशी नवंबर, 2024 से हरियाणा के मुख्य सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं, लोक प्रशासन में समृद्ध अनुभव रखते हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर डॉ विवेक जोशी ने पिछले साल एक नवंबर को केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था।
हरियाणा में नियुक्ति से पहले डॉ. जोशी भारत सरकार में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर लंबे समय तक कार्यरत रहे हैं । उन्होंने केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन भोगी मंत्रालय में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव के रूप में सेवाएं दी हैं। उनके शानदार करियर में उन्हें वित्तीय सेवा विभाग में सचिव और गृह मंत्रालय में भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के पद पर भी सेवाएं दी हैं। भारत सरकार में उनका कार्यकाल 2001 से 2006 तक और फिर 2010 से 2017 तक और 2019 से 2024 तक रहा।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से पहले डॉ. जोशी ने हरियाणा में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दिन हैं जिनमें गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नई दिल्ली में प्रधान रेजिडेंट कमिश्नर, 5 वें राज्य वित्त आयोग के सदस्य सचिव और अंबाला डिवीजन के आयुक्त शामिल हैं। उन्होंने अन्य पदों के अलावा वे हिसार, जींद और पंचकूला के उपायुक्त भी रहे हैं।
हरियाणा के मुख्य सचिव के रूप में डॉ. जोशी ने शासन और जन कल्याण में सुधार के उद्देश्य से कई प्रमुख पहलों को क्रियान्वित किया है । ऐसी ही एक पहल थी दिसंबर 2024 में शुरू किया गया “स्वच्छ हरियाणा मिशन”। 31 जनवरी, 2025 तक चले इस अभियान का उद्देश्य राज्य भर के सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता को बढ़ाना, कार्यालय स्थानों का अनुकूलन करना और पुरानी सामग्रियों का निपटान करना था ।
डॉ. जोशी ने आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री और स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एंड डेवलपमेंट स्टडीज से इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में पीएचडी की है। उनकी उल्लेखनीय शैक्षणिक और पेशेवर पृष्ठभूमि उन्हें चुनाव आयोग के लिए एक परिसंपत्ति के रूप में स्थापित करती है, जहां उनका नेतृत्व और विशेषज्ञता देश की चुनावी प्रक्रियाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।