प्रदेश सरकार स्वतंत्रता सेनानी व उनके परिवार की अनदेखी कर रही है। प्रदेश के 4000 के लगभग स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी की लड़ाई में भाग लिया था। इस समय इन सेनानियों व उनकी विधवाओं की संख्या मात्र करीब 650 रह गई है। मगर प्रदेश की काग्रेंस सरकार का इन परिवारो की तरफ कोई ध्यान नही है। जबकी मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा खूद स्वतंत्रता सेनानी परिवार से होने की हर समय बात करते है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा सरकार प्रदेश के पूर्व विधायको व उनकी विधवाओ की पैन्शन पर 8 करोड़ रूपये से भी अधिक खर्च कर रही है। जितनी पैंशन व परिवारिक पैंशन पूर्व विधायको व उनकी विधवाओं की दी जा रही है इतनी पेंशन तो प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओं व देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले जवानो के परिवारो को भी नही मिलती। सरकार में रहकर विधायक व मंत्री अपनी सुख सुविधाए अपने आप बढा लेते है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने पूर्व मुख्य मंत्रियो के लिए कैबिनेट मंत्री का दर्जा विधानसभा में पास करवा लिया। प्रदेश सरकार ने वोट की राजनिति के लिए सरपंचो, पंचो, नंबरदारो, चौकीदारों, जिला परिषद मैबरो, ब्लाक समिति मैबरो, नगर पार्षदो, व न जाने कितनी जगह सरकार का पैसा सरकारी भतों के रूप में सालाना करोडो़ रूपये पानी की तरह बहा रही है। मगर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों के उतराधिकारियों को कुछ भी नही दे रही। जिन स्वतंत्रता सेनानी उतराधिकारियों के मा, बाप गुजर चुके उन्हे आज कुछ भी नही मिलता। इन उतराधिकारियों की यही ही मांग है की उन्हे उतराधिकारी सम्मान पेंशन दी जाए, चाहे सरकार उन्हे सौ रूपये सम्मान पेंशन के रूप में दे मंजूर है। उनका कहना है की हमे केवल स्वतंत्रता सेनानी उतराधिकारी सम्मान पेंशन चहिए। स्वतंत्रता सेनानियों के उतराधिकारियों को नौकरियो व मैडिकल कॉलेजों के दाखिलों में दो प्रतिशत खुला आरक्षण दिया जाए। हरियाणा स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति में प्रत्येक जिले से एक सदस्य को नोमिनेट किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों की तरह उनकी विधवाओं के निधन पर भी राजकीय सम्मान के साथ अंतेष्टि की जाए। स्वतंत्रता सेनानियों के उतराधिकारियों को पेट्रोल पंप व गैस एजेंसी आंबटित की जाए। स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित शब्द के स्थान पर उतराधिकारी शब्द का प्रयोग किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों के उतराधिकारियों को भी राजकीय व राष्ट्रीय सम्मान समारोह में सम्मानित किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों के पोते/पोतियों को मिलने वाली वजीफा स्कीम को मान्यता प्राप्त स्कूलों में भी लागू किया जाए। स्वतंत्रता सेनानियों व उनके उतराधिकारियों को उतराखंड की तर्ज पर रेस्ट हाउसों में ठहरने की सुविधा दी जाए।
प्रार्थी
30/10/2013 सुमेर सिंह सांगवान, प्रधान
हरियाणा स्वतंत्रता सेनानियों के उतराधिकारी संघ