COURTESY DAINIK BHASKAR FEB 12
शाम 6 बजे बाद भाेजन करना आपके दिल के लिए अच्छा नहीं, इससे माेटापे अाैर टाइप 2 डायबिटीज के खतरे की आशंका
बरसाें से भारत की सूर्यास्त पूर्व भाेजन की मान्यता पर अमेरिकी शाेधकर्ताअाें ने भी मुहर लगाई है। दावा है कि यदि अाप शाम 6 बजे के बाद भाेजन करते हैं ताे इससे माेटापा अाैर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा हाे सकता है।
दरअसल, जब स्वस्थ रहने की बात अाती है ताे ‘हम क्या खाते हैं’ के साथ ही यह भी अहम हाेता है कि ‘हम कब खाते हैं।’ शाेधकर्ताअाें का कहना है कि शरीर अपनी अांतरिक घड़ी के अनुसार प्रतिक्रिया करता है। रात के समय पाचन तंत्र कम लार बनाता है, पेट पाचक रस का उत्पादन कम करता है, भाेजन काे अागे बढ़ाने वाली अांतें सिकुड़ जाती हैं अाैर हम हाॅर्माेन इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हाे जाते हैं। शरीर की अांतरिक घड़ी पर शाेध करने वाले कैलिफाेर्निया के साक इंस्टीट्यूट के प्राे. सैचिन पांडा के मुताबिक, शरीर अांतरिक घड़ी का पालन करता है। इस बात की पुष्टि के लिए चूहाें के दाे समूहाें काे एक समान कैलाेरी का भाेजन िदया गया। अंतर केवल इतना था कि पहले समूह की भाेजन तक पहुंच चाैबीसाें घंटे थी, जबकि दूसरे समूह काे दिन के अाठ घंटे ही भाेजन िदया गया। कुछ िदन बाद पाया गया कि पहले समूह का वजन बढ़ गया था। इस समूह में उच्च काेलेस्टेराॅल अाैर टाइप 2 डायबिटीज जैसे लक्षण िदखने लगे थे। जबकि िजस समूह काे तय समय पर भाेजन िदया जा रहा था, वह स्वस्थ था। महत्वपूर्ण बात यह भी सामने अाई कि दूसरे समूह में टाइप 2 डायबिटीज से लड़ने की क्षमता िवकसित हाे गई थी।
अमेरिकन हार्ट एसाेसिएशन में पेश यह शाेध सुझाता है कि जाे लाेग साेने से एक घंटे पहले भाेजन करते हैं, वे अपनी ब्लड शुगर शर्करा काे उतनी बेहतर तरीके से िनयंत्रित नहीं कर पाते, जितने बेहतर तरीके से जल्दी भाेजन करने वाले। प्राे. पांडा मानते हैं कि समयबद्ध भाेजन सेहत के लिए बेहतर है क्याेंकि इससे अांताें काे खुद की मरम्मत का माैका िमल जाता है।
बार-बार भाेजन का समय न बदलें
राेज पाचन की प्रक्रिया के दाैरान अांताें की 10 में से एक काेशिका क्षतिग्रस्त हाेती है। देर रात भाेजन अाैर सुबह जल्दी ब्रेकफास्ट करने से उन्हें मरम्मत और सुधार का कम समय िमल पाता है। इसलिए िदन में भी भाेजन का समय तय करें और उसी पर िटके रहें, क्याेंकि अप्रत्याशित समय पर भाेजन करने से पाचक ऊतक गड़बड़ा जाते हैं।