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लाइफस्टाइल में बदलाव हाई बीपी से बचने के लिए काफी नहीं, योग से मिलता है फायदा
स्टडी के दौरान लोगों को वॉर्मअप के बाद सूर्य नमस्कार, वज्रासन, ताड़ासन, शशकासन आदि कराया गया। फिर प्राणायाम में अनुलोम विलोम करवाया। आराम के लिए कायोत्सर्ग बताया गया। मेडिटेशन के लिए प्रेक्षा ध्यान की ट्रेनिंग दी गई। यह सब छह महीने कराने पर काफी फायदा हुआ। एक्सरसाइज, खानपान और स्मोकिंग की आदतों में बदलाव असरदार नहीं रहा।
ये आसन अच्छे
गंगाराम अस्पताल की स्टडी में दिखा, योग से इतना फायदा कि मौतें कम हो सकती हैं
देसी ट्रिक्स• प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
जो लोग हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी का शिकार होने की तरफ बढ़ रहे हैं, वे अगर सोचते हैं कि लाइफस्टाइल में बदलाव करके इससे बचा जा सकता है तो वे शायद गलत हैं। राजधानी के गंगाराम अस्पताल में हुई स्टडी से पता चला कि लाइफस्टाइल बदलने से ज्यादा फायदा नहीं होता है, लेकिन नियमित योगाभ्यास से लाभ होता है।
अस्पताल के न्यूरोफीजियॉलजी विभाग की डॉ़ नंदिनी अग्रवाल ने बताया कि आमतौर पर 120/80 ब्लड प्रेशर को नॉर्मल माना जाता है। जब ऊपर का बीपी (सिस्टोलिक) 120 से 139 के बीच पहुंच जाए तो यह प्री-हाइपरटेंशन (हाई बीपी से पहले की स्थिति) की स्थिति मानी जाती है। ऐसे लोग बाद में ब्लड प्रेशर के मरीज बन जाते हैं। हमने प्री-हाइपरटेंशन के 120 मरीजों को दो ग्रुप में बांटकर स्टडी की। जिन्होंने नियमित योगासन किए थे, उनका बीपी 4 mmHg तक कम हो गया। बिना योग के सिर्फ खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करने वालों के बीपी में कमी नहीं आई। स्टडी में शामिल डॉ़ संदीप जोशी ने बताया कि अगर ऊपर का बीपी 3 mmHg भी घट जाए तो ब्रेन स्ट्रोक से मौतों में 8 पर्सेंट और दिल की बीमारी से मौतों में 5 फीसदी तक की कमी हो सकती