हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने 'होलसेल प्राइस इंडेक्स' अर्थात WPI को किसी भी देश या प्रदेश की महंगाई मापने का पैमाना बताते हुए कहा कि वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्यों पर वर्ष 2014–15 में प्रदेश का WPI 113.9 था जबकि वर्ष 2024–25 में यह आंकड़ा 154.8 है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के समय का 2014-15 का वास्तविक 61,904 करोड़ रुपये का बजट अगर महंगाई के हिसाब से बढ़ता तो आज केवल 78,618 करोड़ रुपये होता जबकि वर्तमान सरकार द्वारा 2025 -26 का बजट प्रस्ताव 2,05,017 करोड़ रुपये है जोकि विपक्ष के उस समय की तुलना में 1,26,399 करोड़ रुपये अधिक है।
मुख्यमंत्री आज विधान सभा में बजट अभिभाषण पर विपक्ष द्वारा महंगाई के हिसाब से बजट बढ़ने पर उठाये गए मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
विपक्ष द्वारा बिजली निगमों का सरकारी विभागों और उपक्रमों की तरफ 46,193 करोड़ रुपये बकाया होने के निराधार आरोप पर मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत कराया कि वास्तव में डिस्कॉम के प्रति देनदारी का यह आंकड़ा वर्ष 2021 में 46,193 करोड़ रुपये न होकर केवल 461.93 करोड़ रुपये था। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में DHBVN और UHBVN की ओर सरकार की देनदारी केवल 383 करोड़ रुपये है।
उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस दिन विपक्ष ने सत्ता छोड़ी उस दिन यह देनदारी 663 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि जिस दिन कांग्रेस ने सत्ता छोड़ी उस दिन DHBVN और UHBVN पर 34,600 करोड़ रुपये का लोन था, जो वर्तमान सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन से आज कम होकर 19,326 करोड़ रुपये रह गया है।