हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा ने कहा कि आज हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान विधायक श्री अर्जुन चौटाला द्वारा प्राइवेट स्कूलों में दाखिला देने के लिए स्कूल प्रबंधकों द्वारा आनाकानी किए जाने के विषय के संबंध में लाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में सदन को अवगत कराया कि स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा हमेशा बेहतर शिक्षा देने के लिए कटिबद्ध एवं प्रयासरत है। सरकार द्वारा गरीब परिवारों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के बच्चों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में उनकी सहमति प्राप्त करने उपरांत पढ़ने का समान अवसर देते हुए "मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान (CHEERAG)" महत्वाकांक्षी योजना वर्ष 2022-23 से शुरू की गई है। जो कि प्रत्येक वर्ष घटते क्रम में बंद होती जायेगी क्योंकि निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के सैक्शन 12 (1) (C) को पूर्णतः लागू करते हुए राज्य के सभी मान्यता प्राप्त प्राईवेट विद्यालयों में कक्षा पहली या इससे पूर्व की कक्षाओं में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर कमजोर वर्ग तथा अलाभप्रद ग्रुप से सम्बन्धित विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने सदन को अवगत कराया कि चिराग योजना के तहत मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों द्वारा दाखिले हेतु अपनी सहमति एवं घोषित सीटों का विवरण पोर्टल व विद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर दर्शाया जाता है। तत्पश्चात जिन अभिभावकों की वार्षिक सत्यापित आय परिवार पहचान पत्र में 1 लाख 80 हजार या उससे कम होती है एवं उनके बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे हैं उनके दाखिले उसी खण्ड के मान्यता प्राप्त सहमति प्राप्त विद्यालयों में करने का प्रावधान है।
उन्होंने सदन को अवगत कराया कि चिराग योजना के तहत कक्षा 2 से 5 तक प्रति छात्र 700 रुपये, कक्षा 6 से 8 तक प्रति छात्र 900 रुपये एवं कक्षा 9 से 12 तक प्रति छात्र 1100 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रतिपूर्ति राशि या फार्म 6 में घोषित शुल्क राशि जो भी कम है, उसी के अनुसार संबंधित मान्यता प्राप्त स्कूलों को राशि का भुगतान किया जाता है।
उन्होंने बताया कि चिराग स्कीम के तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 से 2024-25 तक सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे 2925 विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त प्राईवेट विद्यालयों में दाखिला दिया गया है। इन संबंधित विद्यालयों को वर्ष 2024-25 तक 3,17,51,445 रुपए की राशि का वितरण किया जा चुका है तथा शेष बकाया राशि का वितरण जल्द कर दिया जाएगा। विद्यालयों द्वारा दाखिला न देने बारे अभिभावकों की तरफ से विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।