साइबर अपराधियों द्वारा ठगी गई राशि रोकने में देशभर में वर्ष-2024 में हरियाणा पुलिस अव्वल रही। हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर ठगों के चंगुल से लगभग 268.40 करोड़ रूपये की राशि बचाई गई है जबकि वर्ष-2023 में 76.85 करोड़ रूपये की राशि बचाई गई। इस प्रकार साइबर अपराधियों से वर्ष-2023 की तुलना में वर्ष-2024 में तीन गुना तथा वर्ष 2022 की तुलना में पांच गुना अधिक राशि बचाई गई। इसके लिए पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर ने साइबर हरियाणा की पूरी टीम को शुभकामनाएं दी है।
कड़ी कार्यवाही तथा लक्षित गिरफ्तारियां
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है। वर्ष-2022 में साइबर अपराधियों के खिलाफ जहां 2165 मुकद्दमें दर्ज किए गए थे वही वर्ष-2023 में 2747 मुकद्दमें तथा वर्ष-2024 में 5511 मुकद्दमें दर्ज किए गए। इसी प्रकार, वर्ष 2022 में हरियाणा पुलिस द्वारा 1078, वर्ष-2023 में 1909 तथा वर्ष-2024 में 5156 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। वर्ष-2024 में गिरफ्तार किए गए अपराधियों में से 70 प्रतिशत (3555 अपराधी) अन्य राज्यों के रहने वाले हैं। वर्ष-2024 में हरियाणा पुलिस द्वारा रोजाना औसतन 14 साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं।
सक्रिय उपाय व सुनियोजित कार्यप्रणाली
हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों के चंगुल से बचाने के लिए ब्लॉक की गई राशि को पीड़ित के खाते में वापस करने के लिए भी प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। हरियाणा पुलिस के सार्थक प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2023 में जहां साइबर फ्रॉड पीड़ितों को 33 करोड़ रुपये रिफंड किए गए थे, वहीं वर्ष 2024 में यह राशि नवंबर तक बढ़कर 95 करोड़ 45 लाख 14359 रुपये (करीब तीन गुना) हो गई है। राज्य के सभी 29 साइबर थानों को लोक अदालत के माध्यम से पीड़ित को पैसा वापस दिलवाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों को पैसे प्राप्त करने के लिए अदालतों के चक्कर न लगाने पड़ें। हरियाणा पुलिस के आग्रह पर माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सभी जिला और सत्र न्यायालयों को आदेश जारी कर रिफंड करने के लिए एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है, ताकि पीड़ित को रिफंड बिना किसी देरी के किया जा सके।
हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की देशभर में सराहना हो रही है। हरियाणा पुलिस की साइबर सुरक्षा कार्यप्रणाली को देखने के लिए केन्द्र सरकार तथा विभिन्न राज्यों के उच्च साइबर पुलिस अधिकारी पहुंच रहे हैं। वर्ष-2024 में भारत सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) की टीम सहित गूगल आदि फिनटैक कंपनियों द्वारा हरियाणा पुलिस के साइबर हेल्पलाइन-1930 का दौरा किया गया और उनकी कार्यप्रणाली की सराहना की गई। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और दिल्ली की साइबर टीमों ने भी हरियाणा पुलिस की साइबर सुरक्षा के कार्य का यहां पहुंचकर अध्ययन किया और यहां की बैस्ट प्रैक्टिसेज को अपने यहां लागू करने की मंशा जाहिर की।
रणनीतिक साझेदारी और सहयोग, सफलता की कुंजी
श्री कपूर ने बताया कि तकनीक के इस दौर में साइबर अपराध देशभर के लिए एक बड़ी चुनौती है। हरियाणा पुलिस ने इस समस्या से निपटने के लिए साइबर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के साथ साथ व्यवस्था परिवर्तन का कार्य किया है। साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों का बारिकी से अध्ययन करते हुए साइबर अपराध रोकने के लिए रणनीति तैयार की गई है। सितंबर 2023 में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तैनात तकनीकी रूप से दक्ष पुलिसकर्मियों की संख्या को 12 से बढ़ाकर 70 कर दिया गया । इसी कड़ी में बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की गई और उन्हें हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया गया परिणामस्वरूप आज 10 बड़े बैंको के 15 नोडल अधिकारी एक प्लैटफॉर्म पर मिलकर साइबर अपराध रोकने के लिए कार्य कर रहे हैं।
उल्लेखनीय कार्य, उत्कृष्ट परिणाम
हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर किए गए इन कार्यों के परिणामस्वरूप सितंबर 2023 में साइबर फ्रॉड में ब्लॉक की गई राशि की दर व साइबर थानों द्वारा की जा रही रिकवरी जो सिंतबर-2023 में 7 प्रतिशत थी वह दिसंबर-2024 में बढ़कर 36 प्रतिशत हो गई, जोकि देशभर में सर्वाधिक है। इतना ही नही, अगर कोई शिकायतकर्ता साइबर फ्रॉड के 6 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करवाता है, तो ठगी गई राशि को 70 प्रतिशत तक ब्लॉक किया जा रहा है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। हरियाणा पुलिस सितंबर 2023 तक देशभर में साइबर फ्रॉड की ब्लॉक की गई राशि की दर के मामले में 23वें स्थान पर थी, लेकिन अब यह पहले स्थान पर पहुंच गई है। इस उपलब्धि और साइबर हैल्पलाइन 1930 के कुशल क्रियान्वयन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री, भारत सरकार अमित शाह द्वारा हरियाणा पुलिस को 10 सितंबर 2024 को सम्मानित भी किया गया।
दूरदर्शी नेतृत्व तथा आधारभूत संरचना में वृद्धि
इसके साथ ही, हरियाणा पुलिस के 4 पुलिसकर्मियों को भारत सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) में तैनात किया गया है जहां देशभर के 20 बड़े बैंको तथा फिनटैक कंपनियों के साथ मिलकर साइबर अपराध रोकने की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। वर्ष-2024 में साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए 2,83,589 बैंक खातों तथा 1,24,565 मोबाइल नंबरों को बंद करवाया गया है जो कि देशभर में सर्वाधिक है।
साइबर सुरक्षा पर हरियाणा पुलिस की अपील
श्री कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि तकनीक के इस दौर में जब कि ज्यादातर लोग ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर सक्रिय है। यदि कोई भी व्यक्ति फोन करके स्वयं को सीबीआई, ईडी या पुलिस का अधिकारी बताकर डिजीटल अरेस्ट की बात कहे तो तुरंत सतर्क हो जाए क्योंकि कोई भी एजेंसी डिजीटल अरेस्ट नही करती है। इसके साथ ही लोग सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर प्रसारित होने वाले फर्जी शेयर ट्रेडिंग झांसे में ना आएं। निवेश करने से पूर्व कंपनी अथवा वैबसाईट की आधिकारिक पुष्टि अवश्य करें। इसके साथ ही लोग विदेशो खासतौर पर कंबोडिया, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि से आने वाली व्हाट्सएप वीडियों व ऑडियों कॉल को ना उठाएं। लोग टेलीग्राम व गूगल आदि पर आने वाले फर्जी विज्ञापनों से सावधान रहें। हरियाणा पुलिस द्वारा प्रदेशवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों के बारे में अवगत करने के लिए प्रिंट व सोशल मीडिया पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अब तक कुल मिलाकर 2 करोड़ 27 लाख लोगों को साइबर सुरक्षा उपायों के बारे में जागरुक किया जा चुका है। साइबर अपराध से बचाव का एकमात्र उपाय सावधानी व सर्तकता है, इसीलिए लोग सर्तक रहें और साइबर अपराध का अंदेशा होने पर तुरंत हैल्पलाइन नंबर-1930 पर संपर्क करें।