हालांकि संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक भी घोषित नहीं किया गया है। यह तो तय है कि संसद के कर्मचारियों, मार्शलों की पोशाक, वेशभूषा और परिधानों में भारतीयता की झलक जरूर दिखाई देगी। राजनीतिक गलियारों में यह बदलाव विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की काट के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि महिलाओं का साड़ी पहनना और मार्शलों की वेशभूषा में भारतीय संस्कृति के साथ-साथ भारत की परंपरागत परिधानों के प्रतीक के रूप में प्रदर्शित होगी।
कर्मचारियों व मार्शलो को कुर्ता पजामा वाली पोशाक में कुर्ते पर कमल का फूल भी अंकित होगा कमल का फूल जो भारत का राष्ट्रीय फूल है। इस प्रकार से पांच दिन तक चलने वाले इस विशेष सत्र का सीधा प्रसारण तो होगा और पूरा देश संसदीय कार्रवाई के साथ-साथ भारतीय पोशाक, परिधानों के रूप में भारतीयता के दर्शन कर पाएगा। इससे पूर्व भी जी-20 शिखर सम्मेलन में परिधानों व राष्ट्रीय प्रतीकों को मुख्य रूप से दर्शाया जा चुका है जिनका पूरी दुनिया ने दीदार भी किया। जी-20 शिखर सम्मेलन में कई राष्ट्रीय अध्यक्षों की पत्नियों ने बाकायदा डिनर पार्टी में भारतीय साड़ी पहन कर शिरकत की और फोटोशूट भी करवाया । यह फोटोशूट मीडिया की सुर्खियां भी बना।
इन महिलाओं में जापान के प्रधानमंत्री की पत्नी यूको किशिदा ने हरे रंग की खूबसूरत साड़ी पहनी,मॉरीशस के प्रधानमंत्री पी जगन्नाथ की पत्नी ने भी साड़ी पहनी, वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा की पत्नी भी साड़ी में दिखाई दी इसी प्रकार आईएमएफ की प्रमुख जार्जीवा भी पार्टी में खूबसूरत साड़ी में दिखाई दी। इसी तरह से जी-20 के 'लोगो' में भी कमल का फूल दिखाया गया था। इतना ही नहीं निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा जाना भी देश की केवल भारत के रूप में पहचान दरशाना है। इस पर विपक्ष विपक्षी दलों ने बवाल भी किया लेकिन यह चर्चा पूरे देश में हुई। इसी तरह संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में भारतीय परंपराओं, पोशाकों, परिधानों का प्रदर्शन होगा जो फिर से देशवासियों का भारतीयता पर ध्यान आकर्षित करेगा। अब देखना यह है कि इंडिया बनाम भारत में किसका डंका बजता है।