आज फिर खेलेंगे होली वाला गुलाल,तन मन अंतर तक रंग देंगे लाल,अबीर से करेंगे आज सब का श्रृंगार,बच्चे बड़े मित्रों का करेंगे लाड मनुहार।।आया है होली का मनभाता त्यौहार।नई नवेली भाभी की होली पहली बार, करना है आज उसको पूरा सरोबार।छुपती छुपाती वो झांकेगी बारम्बार,बज उठेगी उसकी पायलिया हर बार ।मन में तो नई नवेली के भी उठ रही हिलोर,ससुराल की पहली होली कर रही भाव विभोर,पिया संग रंग रंगीले सपने है पुरजोर ,सब साकार करने की आ गई आज भोर ।।गुब्बारे भर कर बैठे है बच्चे भी तैयार ,नई नई पिचकारियां फिर ले आए इस बार ,दादा दादी बूआ फूफा और दोस्त यार ,चितकबरा सब को रंगना है इस बार।।मन में उमंग और उत्साह है भरपूर ,हल्दी से तिलक हम भी लगाएंगे जरूर,गुलाब की पत्तियों से महकाएंगे हज़ूर,गले मिलने मिलाने आप आना ज़रूर ।।गिले शिकवे मन से कर लेना दूर,दिल से दिल मिला कर राहत देना भरपूर,गुजिया बनाई है मेवे संग खजूर मुंह मीठा कीजिएगा मुस्कुरा के हजूर।।
मृदुला जोशी