लेखक- बंडारू दत्तात्रेय द्वारा राज्यपाल, हरियाणा
अपने हरियाणा के बारे में विचारों को साझा करने के लिए मेरे लिए एक नवंबर से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता। आज हरियाणा दिवस है, और सांस्कृतिक रूप से इतने समृद्ध और विविधता वाले इसप्रगतिशील राज्य के लोगों को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता। पूरे देश में हरियाणा की एक आत्मनिर्भर, आदर्श, समृद्ध एवं सुशासित हरियाणा की पहचान बनी है। 15 जुलाई 2021 को मैंने हरियाणा के 18वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। आज मैं भावनात्मक रूप से राज्य और लोगों से जुड़ा हूं।
यहां के लोग अपनी समृद्ध संस्कृति, सामाजिक और आध्यात्मिक विरासत की बखुबी सहेज रहे हैं। हरियाणा के लोग मिलनसार, विनम्र, सीधे और सरल स्वभाव के हैं। 5000 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण द्वारा पवित्र गीता का महान दिव्य संदेश दिया गया था। कई बार कुरुक्षेत्र यात्रा का अवसर मिला है और ब्रह्म सरोवर की आरती में भाग लेते हुए उस स्थान की दिव्यता को महसूस किया है। मुझे आदि बद्री, यमुनानगर जिले में शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में, जहां से सरस्वती नदी का उद्गम हुआ था, का दौरा करके बहुत खुशी हुई।
श्री गुरु गोबिंद सिंह जैसे महान गुरुओं की आभा, स्वतंत्रता सेनानी राव तुला राम की वीरता और सर छोटू राम जैसे महापुरूषों की दूरदर्शी सोच हरियाणा को वीर प्रदेश की पहचान दिलाता है। शानदार अरावली और शिवालिक पहाड़ियां राज्य की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। डेयरी व्यवसाय, खेलकूद, पारंपरिक गीत, व्यंजन के लिए उनका प्यार काफी अनोखा है।
हरियाणा और तेलंगाना सांस्कृतिक विरासत में इतने करीब हैं इसका मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं होता है। सांस्कृतिक लोकाचार, कला और शिल्प, व्यंजनों और समारकीय पहचान में इतनी समानता है कि हमें स्वतः ही ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत‘ की ताकत का एहसास होता है। तेलंगाना की तरह, हरियाणा की संस्कृति एक बहुलवादी लोकाचार में गहराई से निहित है। यहां सभी धर्मों के त्योहारों को सौहार्द के वातावरण में मनाना हरियाणा की अनूठी विशेषताएं हैं।
विकास के मामले में, हरियाणा ने तेजी से विकास मॉडल के रूप में उभरा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, महिलाओं और बच्चों का सर्वागींण विकास समाज के कमजोर वर्गों के लिए बुनियादी ढांचे का उन्नयन, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में सरकारी दृष्टिकोण ने जमीनी स्तर पर एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है, जिससे आत्मनिर्भर हरियाणा बनाने की गति तेज हुई है।
आज हरियाणा में देश के सभी विकसित राज्यों में सबसे अच्छा बुनियादी ढांचा है। ग्लोबल सिटी, गुरुग्राम में 1080 एकड़ से अधिक भूमि पर विकसित एक मिश्रित भूमि उपयोग टाउनशिप, शहरी विकास की अवधारणा एक उदाहरण है। राज्य की शिक्षा के आधुनिक बुनियादी ढांचे यानि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 2025 तक पूरी तरह लागु कर रहा है, जबकि केंद्र द्वारा 2030 तक लागु करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस समय हरियाणा के पास एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र है।
क्षेत्रफल में छोटा राज्य होते हुए आज हरियाणा में छः दर्जन सरकारी अस्पताल हैं, जो प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर राज्य की स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा दे रहे हैं। 2014 में 470 की तुलना में राज्य में 121 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 640 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसमें 2,674 उप स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) का विशाल नेटवर्क है।
अप्रैल, 2022 तक, राज्य में कुल 1150 आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र संचालित हुए हैं। इसके साथ-साथ पिछले आठ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या आठ से बढ़कर 12 हो गई है और मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या 2014 में 850 से बढ़कर 1735 हो गई है। स्वास्थ्य देखभाल के राष्ट्रीय मानकों को प्राप्त करने के लिए जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है।
प्रदेश में वृद्धावस्था पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये करना सरकार की बुजुर्गों की देखभाल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वर्तमान में राज्य में लगभग 18 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभ बीपीएल के आय स्लैब को 1.20 लाख रुपये प्रति वर्ष से बदलकर 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष करके 17 लाख और परिवारों तक बढ़ा दिया गया है।
प्रशासन में महान विचारक पंडित दीन दयाल उपाध्याय द्वारा परिकल्पित अंत्योदय के महत्व को क्रियान्वित किया है। यह वास्तव में काबिले तारीफ है कि ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान अभियान‘ के पहले चरण में लगभग दो लाख ऐसे गरीब परिवारों की पहचान करने का लक्ष्य है जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम है, और उनकी वार्षिक आय को बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने का लक्ष्य है।
इसी प्रकार अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों के तीन चरणों में 33 हजार से अधिक गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए हैं। किसानों को अपनी फसल बेचने, फसल क्षति मुआवजा, उर्वरक, बीज, ऋण और कृषि उपकरण के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए कई कार्यक्रम व पोर्टल तैयार किए गए हैं।
लोग बिना किसी परेशानी के योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठा देने के लिए अंत्योदय सरल पोर्टल पर 42 विभागों की 547 सेवाओं और योजनाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है। डीबीटी पोर्टल पर 150 योजनाएं अपलोड की गई हैं, जिनमें से राज्य की 94 योजनाएं और 56 केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं।
वर्ष 2019-20 के दौरान डीबीटी मिशन के सफल क्रियान्वयन में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर रहा। अक्टूबर को जारी च्।प्-2022 में अपने 7वें संस्करण में बेंगलुरु स्थित नॉट-फॉर-प्रॉफिट थिंक टैंक पब्लिक अफेयर्स सेंटर (च्।ब्) द्वारा इसे 18 बड़े राज्यों में सर्वश्रेष्ठ शासित राज्य के रूप में चुना गया है।
मैं जल प्रबंधन के लिए किए जा रहे गंभीर प्रयासों की भी सराहना करता हूं, जो सतत विकास का एक अभिन्न अंग है। तीन बड़े बांध बन रहे हैं, जहां से हरियाणा को 47 फीसदी पानी मिलेगा। सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत टेल तक पानी पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है। करीब 14 हजार तालाबों की मरम्मत की जा रही है। पहाड़ों पर चेक डैम भी बनाए जा रहे हैं। जल जीवन मिशन के तहत लगभग 18 लाख पानी के कनेक्शन देकर सभी गांवों में हर घर में नल के पानी की आपूर्ति की जा रही है।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने लगभग 6,629 करोड़ रुपये की लागत वाली चार परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें 5,618 करोड़ रुपये की लागत से हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की आधारशिला रखना, सोनीपत जिले में 590 करोड़ रुपये की लागत से रेल कोच नवीनीकरण कारखाने का उद्घाटन और रोहतक में 315.40 करोड़ रुपये की लागत से भारत का पहला सबसे लंबा एलिवेटेड रेलवे ट्रैक शामिल है। इस प्रकार, हम देख सकते हैं कि सूक्ष्म से लेकर स्थूल तक, राज्य में अच्छी प्रगति हो रही है! यह बरकरार रहना चाहिए। राज्य के लोगों के लिए और अधिक समृद्धि लाने के लिए त्वरित और संतुलित विकास के लिए सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयास जारी रहने चाहिए।