रमेश शर्मा
चंडीगढ़ -हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में आज यह सर्वत्र चर्चा का विषय है कि वर्तमान में हरियाणा का राज्यपाल कौन है ? क्योंकि बंडारू दत्तात्रेय तो हरियाणा के राज्यपाल की शपथ लेने के बाद ही विधिवत रूप से हरियाणा के राज्यपाल बनेगे.वहीं हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने आज 13 जुलाई को अपने पद की शपथ ले ली है. इससे पूर्व हिमाचल के निवर्तमान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय 12 जुलाई को ही हिमाचल से हरियाणा राज भवन, चंडीगढ़ में आ गए थे। सूत्रों के अनुसार दत्तात्रेय हरियाणा के राज्यपाल के तौर पर 15 जुलाई को शपथ लेने की संभावना है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि चूंकि राज्यपाल प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख अर्थात हेड ऑफ़ स्टेट होते है, इसलिए उनके पद को रिक्त नहीं रखा जाना चाहिए. भारत के संविधान के अनुसार राज्यपाल का कार्यकाल राष्ट्रपति द्वारा जारी उनके नियुक्ति अधिपत्र (वारंट ऑफ़ अपॉइंटमेंट ) से नहीं अपितु तब से आरंभ माना जाता है जब सम्बंधित प्रदेश की हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा राज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 159 में दी गयी शपथ दिलवाई जाए. अगर किसी कारणवश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस उपलब्ध न हों, तो हाई कोर्ट के वरिष्ठम जज द्वारा भी नए राज्यपाल को शपथ दिलवाई जा सकती है. जबकि गत रविवार 11 जुलाई शाम हरियाणा के निवर्तमान राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य हरियाणा राज भवन से विदा लेकर त्रिपुरा के लिए रवाना हो गए। हालांकि आज 13 जुलाई तक उन्होंने त्रिपुरा के राज्यपाल के तौर पर शपथ नहीं ली है. आर्य को त्रिपुरा के प्रदेश के निवर्तमान राज्यपाल रमेश बैस के स्थान पर नियुक्त किया गया है क्योंकि बैस को झारखण्ड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. बैस आज 13 जुलाई त्रिपुरा राज भवन छोड़कर झारखण्ड चले गए है एवं 14 जुलाई को वह झारखण्ड के राज्यपाल की शपथ लेंगे. याद रहे कि एक सप्ताह पूर्व 6 जुलाई को भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा देश के 4 राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त किये गए जबकि 4 प्रदेशों के वर्तमान राज्यपालों को उनके वर्तमान राज्य से बदलकर दूसरे प्रदेश में राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को वहां से स्थानांतरित कर हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया जबकि हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया. गौरतलब है कि हरियाणा के नए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सोमवार 12 जुलाई शाम को हरियाणा राज भवन पहुंचे थे जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित प्रदेश की मंत्रिपरिषद एवं अन्य ने उनका स्वागत किया। वैसे तो उसके बाद ही पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा दत्तात्रेय को प्रदेश के नए राज्यपाल के तौर पर शपथ दिलवा दी जानी चाहिए थी।जबकि उनकी शपथ को तीन दिन बाद 15 जुलाई तक,चाहे किसी भी कारण से, टालने का कोई वैध औचित्य नहीं बनता है.हेमंत ने बताया कि ऐसी परिस्थिति में तकनीकी तौर पर मौजूदा तौर पर प्रदेश के निवर्तमान राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को ही हरियाणा का राज्यपाल माना जा सकता है. हालांकि अगर वह कल 14 जुलाई को त्रिपुरा के राज्यपाल की शपथ ले लेते हैं, तो फिर उसके बाद आर्य हरियाणा के राज्यपाल नहीं रहेंगे. अब यह देखने लायक होगा कि आर्य कब त्रिपुरा के राज्यपाल की शपथ लेते हैं. हेमंत ने बताया कि प्रत्येक प्रदेश में हर समय नियमित अथवा कार्यवाहक राज्यपाल होना चाहिए क्योंकि सर्वप्रथम तो हर राज्य का विधायी और कार्यकारी कामकाज राज्यपाल के नाम से ही किया जाता है और दूसरा अगर कोई ऐसी आकस्मिक परिस्थिति आ जाए जब राज्य सरकार को प्रदेश में कोई तत्काल कानून लागू करना पड़ जाए तो इसके लिए अध्यादेश (आर्डिनेंस ) राज्यपाल के हस्ताक्षर करने के बाद ही तत्काल प्रभाव से लागू किया जा सकता है.