चंडीगढ़ - हरियाणा के राज्यपाल द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (के) खंड (1 ) के अंतर्गत प्रदेश कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी धनपत सिंह को नया राज्य चुनाव आयुक्त लगाया गया है. गत वर्ष अप्रैल, 2020 में धनपत अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और चकबंदी विभाग से बतौर अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक से रिटायर हुए थे.
बहरहाल, इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि हालांकि आज तक हरियाणा विधानसभा द्वारा राज्य चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयुक्त के लिए कोई अधिनियम (कानून ) नहीं बनाया गया है जैसे पडोसी पंजाब राज्य द्वारा सितम्बर, 1994 में बनाया गया. हरियाणा में हालांकि मई, 1994 में राज्य चुनाव आयुक्त सेवा की शर्तें नियम, 1994 बनाये गए जिसमें बीते 27 वर्षो में तत्कालीन राज्य सरकारों द्वारा अपनी आवश्यकता अनुसार समय समय पर विभिन्न संशोधन किये जाते रहे हैं.
हेमंत ने बताया कि उक्त नियमो के अनुसार हरियाणा में राज्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल कार्यभार सँभालने के पांच वर्ष तक होता है. हालांकि अगर इस पद पर आसीन व्यक्ति इस दौरान 65 वर्ष की आयु का हो जाएगा, तो उन्हें यह पद छोड़ना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि चूँकि धनपत सिंह की जन्मतिथि 10 अप्रैल 1960 है इसलिए वह 9 अप्रैल 2025 तक राज्य चुनाव आयुक्त रहेंगे अर्थात उनका कार्यकाल पांच नहीं बल्कि चार वर्ष का होगा.
निवर्तमान राज्य चुनाव आयुक्त डॉ. दलीप सिंह, जो 1982 बैच के हरियाणा के रिटायर्ड आईएएस थे, को जुलाई, 2016 में राज्य चुनाव आयुक्त लगाया गया था एवं उनके 65 वर्ष की आयु इसी 8 अप्रैल को ही पूरी हुई है. हालांकि अगर राज्य सरकार उनके स्थान पर फिलहाल नया राज्य चुनाव आयुक्त न लगाती, तो वह अधिकतम आगामी 6 महीने तक इस पद पर रह सकते थे परन्तु चूँकि आगामी कुछ माह में प्रदेश में छठे पंचायती राज संस्थाओ आम चुनाव और प्रदेश की कई शहरी नगर निकायों के आम चुनाव होने वाले हैं, इसलिए राज्य सरकार ने नया राज्य चुनाव आयुक्त लगा उपयुक्त समझा ताकि किसी प्रकार का कोई विवाद उतपन्न न हो. इससे पहले मई, 2015 में 1989 बैच के रिटायर्ड आईएएस राजीव शर्मा को उनकी 64 वर्ष की आयु में राज्य चुनाव आयुक्त लगाया गया था हालांकि वह जुलाई, 2016 तक इस पद पर रहे एवं हरियाणा के पिछले पंचायत राज संस्थाओ के आम चुनाव उनके कार्यकाल में हुए. इस प्रकार धनपत सिंह मौजूदा खट्टर सरकार में लगाए गए तीसरे राज्य चुनाव आयुक्त हैं.
इससे पूर्व हुड्डा सरकार ने नवंबर, 2009 में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव धर्मवीर, जो 1973 बैच के हरियाणा के रिटायर्ड आईएएस थे, को राज्य चुनाव आयुक्त लगाया जो अप्रैल, 2015 तक इस पद पर रहे. उससे पूर्व चौटाला सरकार ने उन्ही के 1973 बैच के रिटायर्ड आईएएस चंद्र सिंह को सितम्बर, 2004 में इस पद पर नियुक्त दिया था जो अक्टूबर, 2009 तक इस पद पर रहे. उससे पूर्व जुलाई, 1999 में बंसी लाल सरकार में 1968 बैच के रिटायर्ड आईएएस टीडी जोगपाल को इस पद पर लगाया जो जुलाई, 2004 तक इस पद पर आसीन रहे. सबसे पहले जुलाई, 1994 में भजन लाल सरकार में हरियाणा के पहले चुनाव आयुक्त 1963 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी जेके दुग्गल लगाए गए थे जो जुलाई, 1999 तक इस पद पर रहे.
एडवोकेट हेमंत ने बताया कि हालांकि भारतीय संविधान के 73 वे और 74 वे संशोधन के बाद हर राज्य में पंचायत और म्युनिसिपल संस्थाओ के चुनाव करवाना राज्य सरकार का नहीं अपितु राज्य चुनाव आयोग का कार्य होता है.
हरियाणा में आज तक लगे सभी 7 राज्य चुनाव आयुक्त प्रदेश कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ही हैं हालांकि वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने गैर-आईएएस को भी इस पद लगाने की कोशिश की परन्तु तत्कालीन राज्यपाल एआर किदवई इस पर सहमत नहीं हुए थे.