केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव श्री वी. श्रीनिवास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के कई कार्यालयों का दौरा कर नागरिकों को सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत दी जा रही सेवाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में डीएआरपीजी से संयुक्त सचिव श्रीमती सरिता चौहान, निदेशक श्री सुवाशीष दास और उप सचिव श्री एच.के. भट्ट शामिल थे।
प्रदेश में हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग द्वारा मुख्य आयुक्त श्री टी.सी. गुप्ता के नेतृत्व में आयोग को मिलने वाली शिकायतों का निवारण तुरंत किया जा रहा है।
केन्द्रीय टीम ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा डिस्कॉम और हरियाणा सरकार के अंत्योदय सरल कॉल सेंटर में नागरिकों को दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया। प्रतिनिधिमंडल ने निर्बाध सेवा वितरण प्रक्रियाओं का अवलोकन किया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नागरिकों से बातचीत भी की।
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने 801 अधिसूचित सेवाओं की कुशल और समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए परिवर्तनकारी उपाय लागू किये हैं। उल्लेखनीय पहलों में अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से शुरू से अंत तक डिजिटलीकरण, कॉल सेंटरों के साथ एकीकरण, सभी कार्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित सेवा समय सीमा और ऑटो अपील प्रणाली की कठोर निगरानी शामिल है।
प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्र सरकार के सीपीजीआरएएम कार्यक्रम के कार्यान्वयन और निगरानी को भी साझा किया जो केंद्र सरकार के कार्यालयों और संगठनों में आम लोगों की शिकायत निवारण में बहुत प्रभावी है। आयोग ने इस पहल से कई नई चीजें सीखीं। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि केन्द्र सरकार शिकायत निवारण अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग का सहयोग और वित्तीय मदद करेगी।
प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात भी की। श्री वी. श्रीनिवास ने उन्हें प्रधानमंत्री की नई पहलों के बारे में जानकारी दी और न केवल उन्हें हरियाणा में लागू करने का आग्रह किया बल्कि इसमें हरसंभव मदद देने का वादा भी किया। उन्होंने चंडीगढ़/पंचकूला में सुशासन/आरटीएस कानून के कार्यान्वयन पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन की संयुक्त मेजबानी करने की भी पेशकश की, जिसे मुख्यमंत्री ने विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया।