बैठक के बाद यूनियन की राज्य प्रधान सरोज दुजाणा व महासचिव जयभगवान ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा 10 नवंबर को गोहाना में मिड डे मील वर्करों के वेतन बढ़ाने की घौषणा वर्करों द्वारा आयोजित निरन्तर संषर्षो का परिणाम है। यह वेतन मुख्यमंत्री की घौैषणा के अनुरूप जनवरी महीने से मिल जाना चाहिए। हालांकि जब तक वर्करों को श्रमिक का दर्जा देकर उनके लिए कम से कम न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाता तब तक हमारा संघर्ष ऐसे ही जारी रहेगा। सरकार द्वारा बढ़े हुए मानदेय के बारे में लेट-लतीफी की आशंका के मद्देनजर यूनियन अपने आन्दालेनों में कोई कमी नहीं आने देगी। साथ ही बैठक में सरकार को चेताया है कि यदि वह केवल चुनावी घौषणाएं करके सिर्फ वोट लेने का प्रयास भर है तो चुनाव में उसकी पीपी खाली ही मिलेगी।
बैठक में दिल्ली के संसद मार्च की तैयारियों का जायजा लिया गया व जिलावाईज दिए गए कोटों की समीक्षा करते हुए हजारों की संख्या में इस रैली में भाग लेने का निर्णय लिया गया। दोनेा नेताओ ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 45वें श्रम सम्मेलन में मिड डे मील वर्करों समेत तमाम परियोजनाकर्मियों को मजदूर मानने, उन्हें न्यूनतम वेतन देने व पैंशन समेत सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ देने की बात स्वीकार की है परन्तु इसे आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इस वर्ष अप्रैल 2013 से मिड डे मील वर्करों के मानदेय में 500 रूपये की बढ़ौतरी की घौषणा की गई है परन्तु उसकी चि_ी तक जारी नहीं हुई है। इसलिए इन तमाम मुद्दों को लेकर हजारों वर्कर 12 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगी। बैठक में मुख्य रूप राज्य नेताओं शर्बती देवी, लाल देवी, सुदेश रानी, मीना सैनी, सावित्री देवी, गगनदीप, दर्शना, महाबीर प्रसाद दहिया, जगत राम, शिमला देवी, रोशनी, पार्वती, शीला देवी आदि नेताओ ने भाग लिया।