हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों के पानी का उपयोग मछली पालन और झींगा उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जिससे राज्य में 'ब्लू रेवोल्यूशन' को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि मंत्री आज कृषि एवं किसान कल्याण, तथा मत्स्य विभाग के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने मत्स्य पालन और कृषि विभागों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों से पहले चल रही परियोजनाओं में तेजी लाने को कहा। उन्होंने वैश्विक स्तर पर मछली पालन को बढ़ावा देकर किसानों के लिए अतिरिक्त आय के स्रोत तलाशने की आवश्यकता जताई।
इस अवसर पर भिवानी और सिरसा जिलों में चल रही मत्स्य पालन परियोजनाओं पर भी विशेष चर्चा हुई। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं के अंतिम ड्रॉइंग को इस माह के अंत तक फाइनल कर लिया जाए।
अधिकारियों ने बताया कि भिवानी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पहले ही पूरा हो चुका है और बिजली-पानी की आपूर्ति की योजना पर काम चल रहा है। टेंडर प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी ताकि अप्रैल के अंत तक निर्माण कार्य आरंभ हो सके। वहीं, सिरसा जिले में प्रस्तावित 'प्रोपड फिश फार्म' परियोजना के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है, और उपायुक्त को भूमि आवंटन में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि मंत्री ने विभाग को परियोजना की प्रगति रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को कहा।
उन्होंने मत्स्य पालन, कृषि और मृदा संरक्षण विभागों के बीच संयुक्त बैठक आयोजित करने पर जोर दिया ताकि जल संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों के पानी का उपयोग मछली पालन और झींगा उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जिससे राज्य में 'ब्लू रेवोल्यूशन' को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अतिरिक्त खारे पानी वाले क्षेत्रों की पहचान कर मत्स्य पालन के लिए परियोजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि जून के बाद सरकार एक लाख एकड़ खारे भूमि को उपजाऊ बनाने की योजना पर काम कर रही है।
उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्रीय दौरे करने और ट्यूबवेल संचालन की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि सरकार मछली पालन के लिए प्रति हेक्टेयर 14 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है। वे पात्र किसानों को इस योजना से जोड़ने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाएं।
कृषि विभाग के अधिकारियों को स्थापित ट्यूबवेल की सूची तैयार करने और किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करने का भी निर्देश दिया गया।
इस बैठक में उपस्थित क्रैशी एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजशेखर वुंडरू ने आश्वासन दिया कि खारे पानी के संसाधनों के उपयोग के लिए विभागीय समन्वय को प्राथमिकता दी जाएगी।