भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से शिल्प मेलों का आयोजन करके अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।
उक्त विचार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजन सहगल, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की उप महानिदेशक प्रतिमा गुप्ता ने आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नेशनल शैडयूल कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कारपोरेशन, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम भारत सरकार, नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे प्रथम शिल्प समागम के शुभारंभ के अवसर व्यक्त किये।
उन्होंने कहा की केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा अलग-अलग तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। भारत सरकार कम दर के ब्याज पर लोन उपलब्ध करा के समाज के इन वर्ग के लोगों को न केवल स्किल्स देकर और अपना सार्मथ्य दिखाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं को विपणन केंद्र भी उपलब्ध करवा रही है। जिससे उनको एक सशक्त बाजार मिल सके। साथ ही उनको आपस मे
जोड़ने का प्रयास किया गया है ताकि एक राज्य के व्यक्ति की सामग्री दूसरे राज्य को भी मिल सके।
उन्होंने कहा कि अमृतसर ऐतिहासिक व पर्यटन की दृष्टि से भारत के प्रमुख शहरों में से एक है। इसलिए पहली बार यहां इस तरह का आयोजन किया गया है। जिसका भविष्य में विस्तार किया जाएगा। इस अवसर पर मंत्रालय के वरिष्ठ प्रबंधक संजय कुमार शर्मा तथा प्रबंधक संजीव कुमार शर्मा सहित कई गणमान्य मौजूद थे।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सार्थक किया संदेश
भारत सरकार द्वारा जिस उद्देश्य के साथ अमृतसर में शिल्प समागम का आयोजन किया जा रहा है उसे यहां उद्घाटन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बच्चो ने सार्थक किया। प्रयोग फाउंडेशन पंचकूला के तत्वाधान में चल रहे कार्यक्रम आशाओं की उड़ान के तहत आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े बच्चे पहली बार अमृतसर पहुँचे ओर यहां मंच पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
शिल्प मेला के प्रमुख उत्पादों में यह है शामिल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के महाप्रबंधक सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि मेले के प्रमुख उत्पादों में असम के बेंत और बांस , हस्तशिल्प और हथकरघा के उत्पाद, बिहार के हथकरघा कार्य, मधुबनी पेंटिंग्स, दिल्ली के कपड़े, गुजरात के ड्रेस मैटेरियल (गुजराती कशीदाकारी) कच्छ शिल्प मनका से बने उत्पाद, हरियाणा के ड्रेस मैटेरियल, सिले-सिलाए कपड़े, हिमाचल प्रदेश के शॉल, स्टोल जैकेट, ऑर्गेनिक हनी, अचार, चाय, जम्मू कश्मीर के आरी वर्क, सोजनी वर्क, कश्मीरी शॉल, कर्नाटक के लकड़ी के खिलौने, अगरबत्ती ,केरल के स्क्रूपिन, जल जलकुंभी उत्पाद, मध्यप्रदेश के पीतल के उत्पाद, माहेश्वरी चंदेरी, बाग प्रिंट, सूट, ड्रेस मैटेरियल, साड़ी और अचार, महाराष्ट्र चमड़े के उत्पाद, हस्तशिल्प की वस्तुएं, ड्रेस मैटेरियल, पंजाब के फुलकारी वर्क, पंजाबी जूती, ड्रेस मटेरियल, पुडुचेरी के चमड़े के उत्पाद, लकड़ी के खिलौने, सिले-सिलाए कपड़े, राजस्थान केराजस्थानी जूती, चादरें, अल्लीक वर्क, अचार, खाखरा, तमिलनाडु के वस्त्र, लकड़ी के खिलौने, त्रिपुरा जूट, बेंत एवं बांस से बने उद, झाड़ू, उत्तराखण्ड के खेस, लोई, दारी, शॉल, ड्रेसमैटेरियल, जैकेट, कुर्ता और शर्ट, उत्तर प्रदेश के लकड़ी पर नक्काशी, कपड़े का काम, सॉफ्ट टॉय, चिकन वर्क, बनारसी साड़ी, पश्चिम बंगाल के कांथा स्टिच और कट वर्क ड्रेस मटेरियल साड़ी आदि उपलब्ध रहेगा।