लुधियाना: . इसका उद्देश्य कैंसर के इलाज में नवीनतम विकास के बारे में जानकारी देना और जागरूकता बढ़ाना था.
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज में हुए एडवांसमेंट के बारे में बताया गया. इस कार्यक्रम के तहत देशभर के प्रसिद्ध मेडिकल प्रोफेशनल्स को एक साथ लाया गया. सीके बिरला अस्पताल, गुरुग्राम की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम ने ये सत्र आईएमए हाउस लुधियाना में आयोजित किया. इस सत्र में मेडिकल प्रोफेशनल्स ने कैंसर के इलाज को लेकर हाल में हुई प्रगति को लेकर चर्चा की. इसके साथ ही सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और एडवांस एब्डोमिनल कैंसर और सिर व गर्दन के कैंसर के इलाज पर विशेष ध्यान देते हुए इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को उम्मीद की किरण दी.
सीके बिरला अस्पताल टीम के जाने-माने सदस्य डॉ. विनय सैमुअल गायकवाड़ ने दो इनोवेटिव ट्रीटमेंट, एचआईपीईसी (हाइपर्थर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी) और पीआईपीएसी (प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोल कीमोथेरेपी) के फायदों की जानकारी दी. इन अत्याधुनिक मेथड से एडवांस एब्डोमिनल कैंसर के इलाज को बल मिला है.
पेट के कैंसर के लिए HIPEC और PIPAC के फायदे बताते हुए डॉक्टर विनय सैमुअल गायकवाड़ ने कहा, ''हाइपर्थर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (HIPEC) और प्रेशराइज्ड इंट्रापेरिटोनियल एरोसोल कीमोथेरेपी (PIPAC) एडवांस एब्डोमिनल कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण है. ये तकनीकें दुष्प्रभावों को कम करते हुए एब्डॉमिनल कैविटी के अंदर कैंसर कोशिकाओं को सटीक रूप से टारगेट करती हैं. HIPEC और PIPAC चुनौतीपूर्ण डायग्नोज का सामना कर रहे मरीजों को नई आशा देती हैं और इस जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए ज्यादा असरदार और कम घाव वाला इलाज मुहैया कराती है.''
इसके अलावा, ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एक अन्य जाने-माने व्यक्ति डॉक्टर विनीत कौल ने सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज के क्षेत्र में हाल में हुई प्रगति पर विस्तार से बात की. डॉक्टर कौल ने चौथी पीढ़ी की दा विंची रोबोटिक तकनीकों के बारे में बताया, जो इस तरह के चुनौतीपूर्ण कैंसर से निपटने के तरीके को बदलने के लिए तैयार हैं. इनकी भागीदारी ने ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र को आगे बढ़ाने और मरीज की देखभाल में सुधार को ध्यान में रखते हुए इस आयोजन के महत्व पर ज़ोर दिया.
सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज में दा विंची रोबोटिक तकनीक पर चर्चा करते हुए डॉक्टर विनीत कौल ने कहा, ''चौथी जनरेशन की दा विंची रोबोटिक तकनीक के आने से सिर और गर्दन के कैंसर के इलाज के तरीके में क्रांति आ गई है. ये रोबोट-असिस्टेड प्रक्रियाएं सबसे बेहतर इलाज प्रदान करती हैं, जो हमें कम से कम घाव के साथ कठिन-से- कठिन हिस्से तक पहुंचने में सक्षम बनाती हैं. इन प्रक्रियाओं से गुजरने वाले मरीजों की तेजी से रिकवरी होती है और ऑपरेशन के बाद की परेशानियों में कमी आती है. यह वास्तव में ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एक गेम-चेंजर है, जो मरीजों को सबसे बेहतर देखभाल और रिजल्ट देने की हमारी क्षमता को बढ़ाता है.''
बता दें कि सीएमई कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से प्रमुख डॉक्टरों और मेडिकल एक्सपर्ट्स ने भाग लिया. इस कार्यक्रम का मकसद विचारों और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान कैंसर के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाने, रोगियों के लिए नई आशा और मरीजों को बेहतर परिणाम मुहैया कराना है. सीके बिरला अस्पताल, कैंसर मरीजों को सबसे बेहतर देखभाल प्रदान करने के लिए मेडिकल साइंस की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह सीएमई कार्यक्रम उसी प्रतिबद्धता और सहयोग का प्रमाण था जो मेडिकल के क्षेत्र में प्रगति को प्रेरित करता है.