हरियाणा पुलिस द्वारा जिला करनाल से पांच लोगों की गिरफ्तारी के साथ एक ऐसे वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिन्होने खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बता आधा दर्जन से अधिक वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस ने इनके पास से सात वाहन भी बरामद किए।
हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान आरोपियों ने वाहन चोरी के 6 मामलों में अपनी संलिप्तता कबूल की है जिनमें जिला करनाल में चार और कुरुक्षेत्र में दो घटनाएं शामिल हैं। गैंग के सदस्यों को क्राइम यूनिट ने मेरठ रोड करनाल से एक गुप्त सूचना के बाद गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान गांव गुनियाना, करनाल निवासी रूपचंद, अंजनथली निवासी संजीव और अमित, सोनीपत के ककरोई निवासी संदीप और निसिंग, करनाल निवासी सोनू के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके कब्जे से पांच चोरी की बोलेरो पिकअप और दो अन्य वाहन भी बरामद किए। वाहन चोरी की इन घटनाओं में उनके दो अन्य साथी भी शामिल थे, जो अभी फरार हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी रूपचंद और संदीप ने करीब एक वर्ष तक टाटा फाइनेंस में काम किया था। करीब 6 माह पहले उन्हें इस कंपनी से हटा दिया गया था। जिसके बाद दोनों आरोपीयों ने अपने दोस्तों व रिष्तेदारों के साथ मिलकर अपना गैंग बना लिया। उन्हें पता था कि फाईनेंसर किस तरीके से फाईनेंस की गाड़ी को अपने कब्जे में लेता है और इस जानकारी का फायदा उठाकर वे फर्जी फाईनेंसर बनकर किसी गाड़ी को बीच रास्ते में रोककर ड्ाईवर को बोलते थे कि यह गाड़ी फाईनेंस पर ली गई है और इसकी कई किस्तें बकाया हैं। इसलिए बैंक में जाकर पहले इसकी बकाया किस्तें भरो और यार्ड में आकर बैंक की रसीद दिखाकर अपनी गाड़ी ले जाना। यह कहकर आरोपी गाड़ी लेकर वहां से फरार हो जाते थे। आरोपी सोनू के खिलाफ जिला कैथल में हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज है, जिसमें फिलहाल यह जमानत पर बाहर आया हुआ था। इस संबंध में मामला दर्ज कर आगे की जांच जारी है।