COURTESY NBT JAN 14
[ दीपशिखा सिकरवार | नई दिल्ली ]
बजट में सरकार इनपुट टैक्स क्रेडिट के जाली क्लेम को गुड्स और सर्विसेज प्राप्त करने वालों के लिए भी एक गैर जमानती अपराध बना सकती है। इसके लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कानून को कड़ा किया जाएगा। टैक्स चोरी को रोकने के लक्ष्य के तहत ऐसे क्लेम करने वाले CXO, डायरेक्टर्स और कर्मचारियों को भी दंडित करने का प्रावधान किया जा सकता है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, 'इनपुट टैक्स क्रेडिट के फ्रॉड को रोकने के लिए कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया गया है।' 5 करोड़ रुपये की लिमिट जमानती अपराध के लिए लागू होगी। इससे अधिक रकम से जुड़ा अपराध गैर जमानती होगा। यह कड़ा प्रावधान गुड्स और सर्विसेज के सप्लायर्स के लिए पहले से लागू है। लेकिन इसका दायरा बढ़ाकर इसमें इस तरह के फ्रॉड से जुड़े बायर्स को भी शामिल करने का प्रस्ताव है। GST एक्ट के सेक्शन 122 और 132 में प्रस्तावित संशोधनों को लॉ कमेटी और GST काउंसिल से स्वीकृति मिल गई है। मौजूदा प्रावधानों में ऐसी टैक्स चोरी से निपटने के लिए विशेष उपाय नहीं हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार का मानना है कि इस तरह के जाली क्लेम से फायदा लेने वालों को समान तौर पर दंडित किया जाना चाहिए