Tuesday, January 21, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
आगामी बजट में कृषि पर रहेगा विशेष फ़ोकस : कृषि मंत्रीसड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक रहे नागरिक- स्वास्थ्य मंत्री आरती रावडॉक्यूमेंट्री में द्वितीय एवं रील निर्माण में अव्वल रहे जे.सी.बोस विश्वविद्यालय के मीडिया विद्यार्थीहरियाणा के प्रत्येक गांव में एक सोलर पावर हाउस बनाने का सुझाव, सोलर पावर हाउस बनने से गांव के सभी ट्यूबवेल की सप्लाई होगी – अनिल विजअब शुगर फ्री प्रॉडक्ट भी बनाएगा वीटाप्रदेश में 7 स्थायी लोक अदालतें की जाएगी स्थापित- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी5 फरवरी को महाकुंभ में शामिल होंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीहेल्थ की समस्या दूर करेंगे', BJP के संकल्प पत्र का दूसरा पार्ट जारी करते हुए बोले अनुराग ठाकुर
 
Bhavishya

प्याज के बाद अब आलू भी सताने लगा

December 21, 2019 06:16 AM

COURTESY DAINIK BHASKAR DEC 21

सप्लाई हुई आधी, दोगुने दाम पर बिक रहा आलू

प्याज के साथ अब आलू की कीमतों में उछाल आ रहा है। दिल्ली समेत कई शहरों में इसकी खुदरा कीमत 25 से 30 रु./किलो पहुंच गई है, जबकि पिछले साल दिसंबर में 12 से 15 रु./ किलो थी। आने वाले दिनों में कीमतें बढ़ेंगी या घटेंगी? आइए जानते हैं विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं...
कीमतों में इजाफा क्यों हुआ?
देश की प्रमुख मंडी आजादपुर (दिल्ली) में आजकल आलू की रोजाना आवक 1400 टन है, जो मांग से 50% कम है। आलू के आढ़ती प्रवीण कुमार व राजेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले साल रोज 150 ट्रक आलू आ रहा था। इस साल 75 ट्रक आ रहे हैं। देश की दूसरी मंडियों का भी यही हाल है। इसीलिए दाम बढ़ रहे हैं।
इस साल आवक क्यों कम है?
सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट शिमला के डाॅ. एनके पाण्डेय ने बताया कि अभी बाजार में उपलब्ध आलू सितंबर के अंत या अक्टूबर के शुरू में बाेया गया था, जोकि कच्ची फसल होती है। तब बारिश ज्यादा हुई, जिससे फसल खराब हो गई। 15 जनवरी के बाद नया आलू आएगा, लेकिन उसका भी उत्पादन कम होने की आशंका है।
अभी से कैसे कह सकते हैं उत्पादन घटेगा?
डाॅ. पाण्डेय ने बताया कि पिछले महीने तेज बारिश और ओलावृष्टि से खेत की मेढ़ खराब हो गई। खेत में पानी भरे होने, लगातार बादल छाए रहने, साथ ही अधिकतम तापमान 20 डिग्री से नीचे रहने से पिछेती झुलसा (खेत को खराब करने वाली बीमारी) की आशंका है। यूपी और पंजाब में पिछेती झुलसा का असर है। यूपी में देश का 32-35% आलू होता है। वहां नुकसान हुआ है तो जाहिर है कि 15 जनवरी के बाद आने वाली आलू की नई फसल भी प्रभावित होगी।
तो क्या कीमतें कम होने की उम्मीद नहीं है?
शायद नहीं। क्योंकि, यूपी में इस बार 5.75 लाख हेक्टेयर में आलू की बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 6.10 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। यानी 35 हजार हेक्टेयर कम। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कीमतें कम होने की उम्मीद कम है। शेष | पेज 7 पर
आलू की खुदरा कीमत 25 से 30 रु. प्रति किलो तक पहुंची
अगले अंक में पढ़िए... आलू ही नहीं, खाद्य तेल की कीमतों में भी 10 रु./लीटर इजाफा; ऐसा क्यों हुआ और आगे क्या हो सकता है.

Have something to say? Post your comment