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आम चुनाव से पहले आए इन नतीजों को अपने पक्ष में बता रहे दोनों दल जींद और रामगढ़ का मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस में रहा फिफ्टी-50

February 01, 2019 06:23 AM

COURTESY NBT FEB 1

आम चुनाव से पहले आए इन नतीजों को अपने पक्ष में बता रहे दोनों दल
जींद और रामगढ़ का मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस में रहा फिफ्टी-50

 

जींद की जीत कई मायनों में खास
मुझे विश्वास है कि पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करेगी। - हरियाणा के सीएम
दिया। देखने वाली बात होगी कि यह सहयोग या समर्थन आगे भी जारी रहेगा या नहीं।

इतना ही नहीं, हरियाणा के लिए यह नतीजा इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि इसी साल यहां असेंबली चुनाव होने हैं। चर्चा है कि बीजेपी इस जीत के बाद लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने पर भी विचार कर सकती है। दरअसल, चौतरफा मुकाबले में जींद में बीजेपी ने जीत का जो अंतर बनाया है, उससे बीजेपी के पास यह सोचने की वजह बनती है कि यहां माहौल उसके पक्ष में है। जाहिर सी बात है कि बीजेपी इसका फायदा उठाना चाहेगी।

दूसरी ओर राजस्थान में कांग्रेस के लिए रामगढ़ का किला जीतना बेहद जरूरी था। यह गहलौत सरकार की प्रतिष्ठा और मजबूती के लिहाज से खासा अहम है। 200 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के पास 99 सीटें थीं, जबकि एक सीट उसके सहयोगी दल आरएलडी की थी। वहीं रामगढ़ जीतने के बाद अब कांग्रेस अपने भरोसे सरकार बनाने लायक संख्या जुटा चुकी है। ऐसे में उसे बाहरी समर्थन की दरकार नहीं रह गई। अगर राजस्थान के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो आमतौर पर यहां विधानसभा चुनाव जीतने वाले दल का लोकसभा चुनावों में भी दबदबा रहता है। इस तरह यह जीत कांग्रेस के लिए मनोबल के लिहाज से भी अहम साबित हो सकती है क्योंकि प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर बीजेपी काबिज है।• विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

 

हरियाणा के जींद असेंबली उपचुनाव और राजस्थान के रामगढ़ असेंबली उपचुनाव के नतीजे गुरुवार को जैसे ही सामने आए, दोनों जगहों पर सत्तारूढ़ दल इन्हें अपने पक्ष में मोड़ने में कामयाब रहे। जींद में जहां बीजेपी जीती, वहीं रामगढ़ में कांग्रेस ने जीत हासिल की। लोकसभा चुनावों से चंद हफ्ते पहले हुए ये चुनाव इसलिए अहम हैं क्योंकि इनके नतीजों से जनता के रुझान का अंदाजा लगाया जा रहा है।

मोटे तौर पर इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही टक्कर देखने को मिलती है। हरियाणा में कांग्रेस लगातार खट्टर सरकार की नाकामियों की बात करते हुए वहां अपनी वापसी की कोशिशों में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी की इकतरफा जीत के बाद उपुचनाव की जीत हरियाणा बीजेपी और सीएम खट्टर के लिए एनर्जी बूस्टर साबित होगा।

इतना ही नहीं, वहां जनता के सामने कांग्रेस के साथ-साथ जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) भी एक मजबूत विकल्प के तौर पर उभरी है। जाहिर सी बात है कि इन चुनावों का असर वहां आपसी गठबंधन और तालमेल पर दिखेगा। रोचक है कि इस चुनाव में जहां बीएसपी ने आईएनएलडी के हाथ मजबूत किए, वहीं आम आदमी पार्टी ने जेजेपी को समर्थन
समाज के सभी वर्गों के बीच बीजेपी के विकास अजेंडे को समर्थन मिलता देख मुझे खुशी हो रही है। - पीएम मोदी का ट्वीट
जीत के बाद हरियाणा के सीएम मनोहर लाल का मुंह मीठा करते नेता।• बीजेपी प्रत्याशी कृष्णलाल मिड्ढा जाट समुदाय से नहीं हैं, फिर भी जाट बहुल जींद में जीते।

• जींद सीट आईएनएलडी विधायक के अगस्त में निधन के कारण खाली हो गई थी। • नवगठित पार्टी जेजेपी के दिग्विजय सिंह चौटाला 37,631 वोट के साथ दूसरे नंबर पर र

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