COURSTEY NAV BHARAT TIMES JULY6
जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं की एंट्री बैन का मामला
मंदिर में दूसरों की नो-एंट्री पर कोर्ट बोला- हिंदुत्व कभी आड़े नहीं आता
अगस्त में 5 दिन नहीं कर पाएंगे तिरुपति बालाजी के दर्शन!
खराब मौसम के चलते अमरनाथ यात्रा लगातार दूसरे दिन रुकी
कैलाश मानसरोवर के 500 तीर्थयात्रियों को अब भी मदद का इंतजार• अगस्त के महीने में 5 दिनों तक तिरुपति बालाजी के दर्शन भक्तों के लिए बंद हो सकते हैं। इसका कारण एक धार्मिक अनुष्ठान बताया जा रहा है। यह एक वैदिक रिवाज है, जिसे हर 12 साल बाद अघमास में मनाया जाता है। इसे अस्ताबंधना बाललया महासंपरोकषनाम से जाना जाता है। इस आयोजन के दौरान तिरुमला ट्रस्ट ने मंदिर को भक्तों के लिए नहीं खोलने का फैसला किया है। अस्ताबंधना बाललया महासंपरोकषनाम इस साल 12 से 16 अगस्त के बीच होगा।• आईएएनएस, जम्मू : खराब मौसम की वजह से गुरुवार को जम्मू से किसी भी तीर्थयात्री को घाटी की ओर जाने की इजाजत नहीं दी गई। पुलिस के मुताबिक, मंगलवार को बालटाल ट्रैक पर हुए भूस्खलन के बाद बुधवार से ही किसी भी तीर्थयात्री को भगवती नगर यात्री निवास से रवाना होने नहीं दिया गया। अधिकारी ने कहा कि बालटाल और पहलगाम इन दोनों आधार कैंपों से अमरनाथ गुफा की ओर सीमित हेलीकॉप्टर सेवाएं ही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी खराब मौसम के कारण यात्रा पर नहीं जा सके।• आईएएनएस, काठमांडू : तिब्बत में कैलाश मानसरोवर से लौटने की भारतीय तीर्थयात्रियों की कोशिश अभी खत्म नहीं हुई है। अब भी नेपाल के हिल्सा व सिमिकोट इलाकों में बचाव उड़ानों की 500 से ज्यादा तीर्थयात्री इंतजार कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खराब मौसम सोमवार से सिमिकोट से आने-जाने वाली उड़ानों में बाधा आ रही है। वहां विमानों का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अत्यधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन का कम दबाव होना बड़ी चिंता है।
Rajesh.Choudhary@timesgroup.com
• नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिंदुत्व किसी और की आस्था को खत्म करने की बात नहीं करता। यह व्यक्ति के अंदर से निकली आस्था है और इसका यह स्वरूप सदियों से रहा है जो दूसरे को प्रभावित नहीं करता। ना ही दूसरे के आड़े आता है। भगवान जगन्नाथ मंदिर के प्रशासन से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह टिप्पणी की। इस मंदिर में हिंदुओं के अलावा किसी भी दूसरे धर्म के लोगों के प्रवेश पर मनाही है।
सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल कर जगन्नाथ मंदिर परिसर में कुप्रबंधन और सेवकों के गलत आचरण का आरोप लगाया गया है। गुरुवार को इसी मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठा कि क्या किसी धर्म विशेष को मानने वाले शख्स को दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल पर प्रवेश की इजाजत दी जा सकती है, खासकर जिस धार्मिक स्थल की परंपरा ऐसी रही हो और धार्मिक स्थल के बाहर यह लिखा हो कि गैर धर्म के व्यक्ति का प्रवेश निषेध है।
ड्रेस कोड और अंडरटेकिंग का सुझाव : सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान टिप्पणी की कि मंदिर मैनेजमेंट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि अन्य धर्म के लोगों को विशेष ड्रेस कोड और उचित अंडरटेकिंग देने के बाद मंदिर में दर्शन की इजाजत दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान भगवत गीता का भी जिक्र किया। बेंच ने सुझाव दिया कि इस पर विचार किया जाए कि जो लोग अंडरटेकिंग देने और मंदिर की परंपरा का पालन करने को तैयार हैं, उन्हें मंदिर में जाने दिया जाए। यह सुझाव केंद्र और राज्य सरकार को भी दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव देने को कहा है कि क्या किसी धार्मिक स्थल जहां दूसरे धर्म के लोगों का प्रवेश वर्जित हो, वहां दूसरे धर्म के लोगों के प्रवेश की अनुमति दी जा सकती है या नहीं। अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी।
जगन्नाथ मंदिर का मामला इन वजहों से है कोर्ट में : याचिकाकर्ता मृणालिनी पधी ने कहा है कि जगन्नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहां के सेवक श्रद्धालुओं को प्रताड़ित करते हैं। यही नहीं मंदिर परिसर में हाइजीन और अवैध कब्जे का मसला भी उठाया गया है। कोर्ट मामले में केंद्र, उड़ीसा सरकार और मंदिर मैनेजमेंट कमिटी को नोटिस जारी कर चुका है। मंदिर में कथित तौर पर श्रद्धालुओं के शोषण के मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने 8 जून को तमाम निर्देश जारी किए थे।