विजयादशमी या दशहरा केवल एक पर्व मात्र नहीं है। यह प्रतीक है कई सारी बातों का। सच, साहस, अच्छाई, बुराई, निःस्वार्थ सहायता, मित्रता, वीरता और सबसे बढ़कर दंभ जैसे अलग-अलग भले-बुरे तत्वों का प्रतीक। जहां भले प्रतीकों की बुरे प्रतीकों पर विजय हुई और हर युग के लिए इस आदर्श वाक्य को सीख की तरह लेने की परंपरा बनाई गई।इसलिए किसी भी युग में अच्छाई की बुराई पर जीत का वाक्य हर वक्त लागू होता है