आमतौर पर योगासन को ही सम्पूर्ण योग समझ लिया जाता है जबकि वास्तव में योग में आसन मात्र दो प्रतिशत ही होता है । दो प्रतिशत योग आसन ने दुनिया-भर में धूम मचा रखी है, सम्पूर्ण योग से तो पूरी मानव जाति का जीवन सुखमय हो सकता है । स्वस्थ शरीर के लिए योग आसन आवश्यक हैं लेकिन सम्पूर्ण योग तो ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है । परमात्मा का साक्षात्कार करने के लिए तन और मन दोनों का स्वस्थ होना परम आवश्यक है । यह रोचक जानकारी मुंबई से पधारे आचार्य अरूण कुमार आर्यवीर ने दी । योग पर भरपूर शिक्षा का रोहतक में आयोजित एक शिविर में विस्तृत वर्णन किया गया । यह शिविर रोहतक स्थित झज्जर रोड आर्य समाज के तत्वावधान में 24 से 28 दिसम्बर 2014 तक दिल्ली पब्लिक स्कूल, रोहतक में आयोजित किया गया ।