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Health

कैप्सूलकैमरे से पेट की जानलेवा बीमारियों का पता लगाना आसान हो गया

January 07, 2016 05:43 AM

टॉयलेट के जरिए शरीर से निकल जाता है कैमरा
डॉ.मल्होत्रा ने कहा कि कैमरा बायोग्रेडिबल है। टॉयलेट के दौरान निकल जाता है। शरीर में रह भी जाए तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। कैप्सूल भोजन की तर्ज पर बड़ी-छोटी आंत तक घूमता है और अंदर की पूरी स्थिति कैमरे में रिकॉर्ड होती है। मरीज के पेट पर बंधी बेल्ट में लगा सेंसर इसे कंप्यूटर पर थ्री डी पिक्चर में दिखाता है। कैमरा 12 घंटे में छोटी-बड़ी आंत, पित्ताशय कोलन समेत पेट के तमाम हिस्सों की करीब 50 हजार से ज्यादा फोटो खींच सकता है। यह आम कैप्सूल से करीब डेढ़ गुना बड़ा है।
{पीजीआई रोहतक में फ्री जांच की सुविधा शुरू, ऐसा करने वाला देश का पहला संस्थान
{कैप्सूल एंडोस्कोपी से कैमरा खींचेगा अंदर की फोटो, सटीक इलाज हो सकेगा बीमारियों का
भास्कर न्यूज | रोहतक


कैप्सूलकैमरे से पेट की जानलेवा बीमारियों का पता लगाना आसान हो गया है। रोहतक पीजीआई कैप्सूल एंडोस्कोपी की मुफ्त सुविधा शुरू करने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है। मरीज को एक कैप्सूल खाना होता है। इस कैप्सूल के एक सिरे पर कैमरा लगा होता है।
मरीज के 12 घंटे की निगरानी में रखने के दौरान कंप्यूटर पर फोटो देखकर डॉक्टर बीमारियों का पता लगा लेते हैं। इस तरह पेट के गंभीर रोगों का सटीक इलाज संभव हो पाता है। कैप्सूल एंडोस्कोपी चुनिंदा अस्पतालों में उपलब्ध है, लेकिन फ्री जांच सिर्फ रोहतक पीजीआई में ही है। सामान्यत: कैप्सूल एंडोस्कोपी के लिए करीब 40 हजार रुपए तक का खर्चा आता है। पीजीआईएमएस के गैस्ट्रोएंटोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण मल्होत्रा ने बताया कि हर रोज करीब 40 एंडोस्कोपी की जाती है। मरीजों की कोई वेटिंग लिस्ट नहीं है। विभाग ने एंडोस्कोपी हेल्पलाइन 9671000017 भी शुरू की है।
ये फायदा : कैंसर,अल्सर, सिकुड़न, गेहूं की एलर्जी, आंतों में जख्म, खून रिसाव समेत तमाम गंभीर बीमारियों के बारे में बगैर सर्जरी पता चल सकेगा।(COURSTEY BHASKAR JAN7)

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