COURTESY DAINIK BHASKAR JUNE 24
हाईकाेर्ट-अनपढ़ लाेगाें के ड्राइविंग लाइसेंस वापस लो
हाईकोर्ट ने सरकार व परिवहन विभाग से 15 जुलाई तक मांगी है रिपोर्ट
नरेश वशिष्ठ/ संजीव शर्मा|जयपुर
हाईकाेर्ट ने एक तरफ ताे अनपढ़ लाेगाें के एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन विभाग काे वापस लेने और इस संबंध मेंं दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दे रखा है। साथ ही ऐसे उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए कहा है जिन्हें लाइसेंस तो जारी हो गए हैं लेकिन वे लिखना-पढ़ना नहीं जानते। लेकिन दूसरी ओर परिवहन आयुक्त का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जारी होते हैं और उसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके अनुसार अनपढ़ लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस रोका जा सके।
दरअसल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में अनपढ़ लोगों को लाइसेंस जारी नहीं करने के लिए यह दलील दी थी कि वे हाइवे और रोड पर लोगों की सुरक्षा के लिए सावधानी के संबंध में लगे ट्रैफिक सिग्नल व नोटिस बोर्ड को नहीं समझ पाते हैं, इस कारण से हाइवे व रोड पर हादसों में बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में इन लोगों को जारी किए एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंसों को वापस लिया जाना चाहिए। हाईकोर्ट की यह भी मंशा थी कि मोटर व्हीकल रूल केवल ड्राइविंग लाइसेंस वाले लोगों के फायदे के लिए ही नहीं बने हैं बल्कि उन आमजनों के हितों के लिए भी हों जो रोड का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर अब केंद्र सरकार कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस में भी 8 वीं पास की अनिवार्यता को खत्म करने जा रही है। ताकि अधिक से अधिक लाेगाें काे ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए रोजगार मिल सके।
हाईकोर्ट व केन्द्र के आदेश में फंसा परिवहन विभाग
हाईकोर्ट व केन्द्र सरकार के आदेश के बीच में अब राज्य का परिवहन विभाग फंस गया है। काेर्ट के आदेश के 25 दिन बाद भी परिवहन विभाग ने अभी तक अनपढ़ लाेगाें के लाइसेंस की छंटनी के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की है। अधिकारियों का इसके पीछे तर्क है कि ड्राइविंग लाइसेंस सेंट्रल माेटर व्हीकल एक्ट के तहत जारी किए जा रहे हैं। इसमें ऐसा काेई प्रावधान नहीं कि अनपढ़ लाेगाें काे लाइसेंस नहीं दिया जाए। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व परिवहन विभाग से अदालती आदेशों की पालना रिपोर्ट 15 जुलाई तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।
अनपढ़ लाेगाें के लाइसेंस छंटनी की व्यवस्था नहीं
परिवहन विभाग के पास ऐसा काेई सॉफ्टवेयर और व्यवस्था नहीं है कि अनपढ़ लाेगाें के लाइसेंस की पहचान की जा सके।
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परिवहन दफ्तरों में नहीं आवेदकों के दस्तावेज
वजह यह है कि आफिस में आवेदकों के दस्तावेज एक साल तक ही सुरक्षित रखें जाते हैं। ऑडिट हाेने के बाद उन्हें नष्ट कर दिया जाता है। ऐसे में ऑफिसों में अब तक आवेदकों की ओर से साक्षरता के संबंध में के लगाए गए दस्तावेज ही नहीं है।
हर साल 6 लाख लाइसेंस हाेते हैं जारी
परिवहन विभाग के 12 आरटीओ सहित 53 आफिस हैं, जहां ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं। इन ऑफिसों में हर साल 6 लाख प्राइवेट वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस जारी हाेते हैं। सबसे अधिक लाइसेंस जयपुर में जारी हाेते हैं। वर्ष 2005 से 2018 तक 80 लाख लाेगाें काे अव्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस जारी हाे चुके हैं। इसमें से करीब 5 लाख लाेग अनपढ़ हाे सकते हैं।
वर्ष लाइसेंस
2014- 15 705756
2015-16 852895
2016-17 519090
2017-18 445169
अकेले जयपुर में हर दिन बनते हैं 350 लाइसेंस
जगतपुरा अाैर विधाधर नगर अाॅफिस में स्थायी लाइसेंस जारी किए जाते हैं। इन दाेनाें अाॅफिस में हर दिन करीब 350 लाेगाें काे न्यू लाइसेंस जारी किया जाता है। साल में इन लाइसेंस की संख्या करीब 86 हजार हाेती है।
अायुक्त एवं शासन सचिव राजेश यादव से बातचीत
हाईकाेर्ट के अादेश के तहत क्या अापने अनपढ़ लाेगाें काे जारी हुए लाइसेंस चिहिन्त कर लिए?
-िवभाग के पास एेसी काेई व्यवस्था नहीं है, जिसके तहत अनपढ़ लाेगाें के लाइसेंस चिहिन्त किए जा सके।
काेर्ट ने अनपढ लाेगाें के लाइसेंस वापस लेने के लिए निर्देश दिए है, अब अाप क्या करेंगे?
-लाइसेंस सेंट्रल माेटर व्हीकल एक्ट के तहत जारी किए जाते है। एक्ट में एेसा काेई प्रावधान नहीं है कि अनपढ लाेगाें काे लाइसेंस नहीं दिया जाए।
...ताे अब काेर्ट के अादेश पर अाप क्या करेंगे?
-काेर्ट के अादेश का जवाब बनाया जा रहा है। काेर्ट काे सेंट्रल माेटर व्हीकल एक्ट के बारे में निवेदन किया जाएगा। इसके साथ ही केंद्रीय सडक एवं परिवहन मंत्रालय से भी गाइडलाइन ली जाएगी।
परिवहन आयुक्त
एक्ट के तहत नहीं
रोक सकते लाइसेंस
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3 साल पहले ही ऑनलाइन लाइसेंस की व्यवस्था की है
18 लाख लाइसेंस बने तीन साल में। कुछ लाेगाें ने नगर निगम, पंचायत, नगर पालिका से बने जन्म प्रमाण-पत्र लगा रखे हैं। इस वजह से आनॅलाइन बने लाइसेंस में भी अनपढ़ लाेगाें की पहचान करना मुश्किल है। इससे पहले अारटीअाे-डीटीअाे में ऑफलाइन लाइसेंस जारी किए जाते