भारत के 2007 टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीत के हीरो रहे युवराज सिंह सोमवार को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है. युवराज सिंह मुंबई के साउथ होटल में कुछ देर बाद प्रेस कांफ्रेंस करे रहे हैं. जहां वे इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर रहे हैं.युवराज ने कहा कि यह उनके लिए काफी भावनात्मक पल है और उनका करियर एक रोलर-कोस्टर की तरह रहा है. युवराज ने कहा कि वह काफी समय से रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे थे और अब उनका प्लान आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त टी-20 टूर्नामेंट्स में खेलने का है.
युवराज सिंह ने कहा कि मैंने कभी किसी चुनौती के आगे हार नहीं मानी चाहे वो क्रिकेट का मैच रहा हो या फिर कैंसर जैसी बीमारी.
युवराज ने कहा कि वह काफी समय से रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे थे और अब उनका प्लान आईसीसी द्वारा मान्यता प्राप्त टी-20 टूर्नामेंट्स में खेलने का है.
युवराज ने साउथ मुंबई होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह ऐलान किया. जिसको सुन सामने बैठी उनकी मां के आंसू निकल आए.
युवराज सिंह अपनी मां के काफी क्लोज हैं. संन्यास का ऐलान करने वक्त भी युवराज ने कहा कि मेरी मैं हमेशा मेरी ताकत रही है. युवराज ने कहा कि 'बचपन से मैंने अपने पिता का देश के लिए खेलने का सपना पूरा करने की कोशिश की.'
अपने क्रिकेट करियर को याद करते हुए युवराज ने कहा कि, 'अपने 25 साल के करियर और खास तौर पर 17 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे. अब मैंने आगे बढ़ने का फैसला ले लिया है. इस खेल ने मुझे सिखाया कि कैसे लड़ना है, गिरना है, फिर उठना है और आगे बढ़ जाना है.'
जानकारी के मुताबिक युवराज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद आईसीसी से मान्यता प्राप्त विदेशी टी-20 लीग में खेलना चाहते हैं. युवी विदेशी टी-20 लीग में फ्रीलांस क्रिकेटर के तौर पर खेल सकते हैं.
युवराज सिंह पिछले काफी लंबे समय से भारतीय टीम की ओर से नहीं खेले हैं. युवराज सिंह ने भारतीय टीम की ओर से 40 टेस्ट खेले हैं जिसमें उन्होंने 33.92 की औसत से 1900 रन बनाए हैं. जिसमें 3 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं.