चंडीगढ़- हिंदी सिने जगत की दो मशहूर हस्तियों- अभिनेता रणवीर सिंह और अदाकारा दीपिका पादुकोण की बहुचर्चित शादी जो आगामी 14-15 नवम्बर जो इटली के एक आलिशान रिसोर्ट पर निर्धारित है के बारे में आधिकारिक सूचना प्राप्त करने के लिए शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इटली स्थित भारतीय दूतावास में एक आर.टी.आई. याचिका दायर की है. एडवोकेट हेमंत ने अपनी याचिका में राजधानी रोम स्थित भारतीय दूतावास के केंद्रीय जन सूचना अधिकारी से रणवीर-दीपिका की प्रस्तावित शादी के बारे में जानकारी मांगते हुए पूछा है कि क्या यह भारतीय संसद द्वारा बनाये गए अपने नागरिको के विदेश जाकर शादी करने हेतू बनाये गए कानून अर्थात विदेशी विवाह अधिनियम, 1969 के प्रावधानों के अंतर्गत संपन्न होने जा रही है ? अगर ऐसा है, तो इस बारे में दोनों पक्षों की और से अब तक क्या-क्या औपचारिकताये पूरी कर ली गई हैं एवं इस बारे में दूतावास के पास जो भी आधिकारिक जानकारी उपलब्थ है, वह प्रदान की जाए. दूतावास ने गत 30 अक्टूबर को ही एडवोकेट हेमंत की याचिका पर त्वरित कार्यवाही करते हुए इसे जन सूचना अधिकारी को आगामी कार्यवाही हेतु स्थानांतरित कर दिया एवं इस बारे में जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है. ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष दिसम्बर में हेमंत ने ही ऐसी ही आर.टी.आई. द्वारा इटली के टस्कनी में संपन्न हुईं क्रिकेटर विराट कोहली और बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के विवाह बाबत भी आधिकारिक सूचना मांगी थी जिसके बारे में जवाब दिया गया की भारतीय दूतावास को उनकी शादी के सम्बन्ध में कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं है. हेमन्त के बताया कि उन्होंने यह आर टी आई याचिका इसलिए दायर की क्यूंकि वह इस सम्बन्ध में सूचना प्राप्त करना चाहते थे की अगर दो भारतीय देश से बहार जाकर विवाह करना चाहे तो क्या इस बारे में अपने भारतीय दूतावास को कोई जानकारी देनी होती है एवं क्या उन्हें विदेशीय विवाह अधिनियम, 1969 के अंतर्गत ही विवाह करना अनिवार्य है अथवा नहीं. हेमंत ने बताया कि वो यह भी जानना चाहते हैं की क्या विदेशी भूमि पर संपन्न किया गया विवाह का पंजीकरण भारत में बिना किसी कानूनी अड़चन के हो सकता है. चूंकि आजकल बड़े-बड़े औद्योगिक परिवारों के सदश्यो एवं मशहूर फ़िल्मी और फैशन सितारों आदि द्वारा विदेशो में दूरदराज आलिशान स्थानों पर जाकर विवाह संपन्न करना प्रचलित हो रहा है, अत: भारत के हर राज्य की सरकार को अपने- अपने विवाह रजिस्ट्रेशन के प्रावधानों को लचीला बनाना चाहिए ताकि दो भारतीय यदि कहीं भी जाकर विवाह संपन्न करते हैं तो उनका विवाह रजिस्ट्रेशन उनके मूल राज्य या जिस राज्य में वह रह रहे हैं, वहां यह आसानी से हो जाए. लिखने योग्य है के हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम 2008 की धारा 6 के तहत हरियाणा राज्य में संपन्न विवाह ही हरियाणा में रजिस्टर करवाए जा सकते है.