Courtesy DAINIK JAGRAN
नई दिल्ली, प्रेट्र। कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा करने वाले एक समूह को चीन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया। भारतीय श्रद्धालुओं की कैलाश मानसरोवर यात्रा में रोड़ा अटकाते हुए चीन ने नाथुला दर्रे के रास्ते को बंद कर दिया है। इसके चलते अब इन्हें उत्तराखंड के दुर्गम रास्ते से यात्रा करनी होगी। इसके बाद भारत सरकार ने यह मामला चीन के सामने उठाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने शुक्रवार को बताया कि नाथुला दर्रे से होकर कैलाश मानसरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले पर चीन के साथ बातचीत की जा रही है।
चीन की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की इजाजत नहीं मिलने के कारण 47 श्रद्धालु भारतीय सरहद पर 20 जून से फंसे हुए थे। शुक्रवार शाम को वह सिक्किम की राजधानी गंगटोक लौट आए। तीर्थयात्रियों का कहना है कि चीन की ओर से हमें प्रवेश की मंजूरी नहीं मिलने का कोई कारण नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें नाथुला से सात किमी दक्षिण में शेरतांग में एक कैंप में रखा गया था।
उल्लेखनीय है कि हर साल सैकड़ों तीर्थयात्री तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने जाते हैं। इसी महीने की शुरुआत में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन से इतर मुलाकात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया था। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा और एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर दोनों देशों के बीच चल रहे मतभेद के बीच चीन का यह रुख सामने आया है।